नई दिल्ली : कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी (Textiles Minister Smriti Irani) ने मंगलवार को देश में परिस्थितिकी की दृष्टि से स्वस्थ विनिर्माण सामग्री वाले खिलौने बनाने के वास्ते शोध संस्थाओं और खिलौना विनिर्माताओं को आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि देश में 85 प्रतिशत खिलौने या तो आयात किये जाते हैं या फिर प्लास्टिक के बने होते हैं.
ईरानी ने शिक्षा मंत्रालय के तत्वाधान में काम करने वाली शोध संस्थाओं से स्वस्थ सामग्री के खिलौने बनाने की संभावनाओं को देखने के लिये कहा.
ईरानी ने और शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे (Sanjay Dhotre) ने मंगलवार को वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये टॉयकाथोन 2021 के फाइनल का उद्घाटन (Opening of the finals of Toycathon 2021) किया. टॉयकाथोन 2021 को शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, एमएसएमई, कपडा, सूचना एवं प्रसारण के साथ साथ उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने मिलकर 5 जनवरी 2021 को शुरू किया था. इसकी शुरुआत नवोन्मेषी खिलौने और खेल विचार प्राप्त करने के लिये किया गया था.
पढ़ें- कर्णम मल्लेश्वरी दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की कुलपति नियुक्त की गईं
टॉयकाथोन 2021 के लिये देशभर से 1.2 लाख भागीदारों ने पंजीकरण कराया और 17,000 से अधिक नये विचार सौंपे गये. इसमें से तीन दिन तक चलने वाले ग्रांड फाइनल के लिये 1,567 नये विचारों और शोध को छांटा गया है. फाइनल 22 से 24 जून तक आयोजित होगा.
स्मृति ईरानी ने इस बात को लेकर चिंता जताई कि देश में बच्चे जिन खिलौनों से खेलते हैं उनमें से 85 प्रतिशत खिलौने या तो आयातित होते हैं या फिर इन्हें प्लास्टिक से बनाया होता है.
भारत का खिलौना बाजार (toy market in india) 1.5 अरब डालर का आंका गया है, जबकि वैश्विक खिलौना बाजार 100 अरब डालर से भी अधिक होने का अनुमान है.
टॉयकाथोन 2021 में भाग लेने वालों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 24 जून को बात करेंगे.
(भाषा)