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Republic day 2023 : परेड में करतब दिखाएंगे स्लम एरिया के 40 बच्चे, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करेंगे पेश

लखनऊ में गणतंत्र दिवस (Republic day 2023) की परेड में पहली बार स्लम एरिया के बच्चे शामिल होंगे. यह बच्चे भी सास्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे. इसके लिए इन बच्चों की कई दिनों से प्रैक्टिस भी कराई जा रही है.

स्लम एरिया के 40 बच्चे परेड में दिखाएंगे करतब.
स्लम एरिया के 40 बच्चे परेड में दिखाएंगे करतब.
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Published : Jan 25, 2023, 8:53 PM IST

स्लम एरिया के 40 बच्चे परेड में दिखाएंगे करतब.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार स्लम एरिया में रहने वाले झुग्गी झोपड़ी के बच्चे करतब दिखाएंगे. साथ ही परेड का हिस्सा बनेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश करेंगे. लखनऊ जिला प्रशासन ने इस बार परेड में शामिल होने वाले स्कूली बच्चों के कार्यक्रमों में लखनऊ के स्लम एरिया के गरीब बच्चों को भी शामिल किया है और बाकायदा करीब 40 बच्चों की पिछले कई दिनों से लगातार प्रैक्टिस भी कराई जा रही है. गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल के अवसर पर भी इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. उत्तर प्रदेश की राजधानी में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में यह बच्चे हिस्सा लेंगे और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबको मंत्रमुग्ध करने का काम करेंगे.


अभी तक यह बच्चे लखनऊ के कई चौक चौराहों पर पैसे मांगने से लेकर तमाम अन्य तरह के छोटे-मोटे काम करते रहे हैं, लेकिन अब लखनऊ जिला प्रशासन की पहल पर यह सारे बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे और अपना करतब दिखाने का काम करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पेश करने से पहले उनकी रिहर्सल भी कराई गई है. गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने कार्यक्रम पेश करने को लेकर यह स्लम एरिया के रहने वाले बच्चे काफी खुश हैं और उत्साहित भी हैं. लखनऊ जिला प्रशासन के निर्देश पर इस पूरे काम की मॉनिटरिंग करने वाले प्रोजेक्ट स्माइल के कोऑर्डिनेटर प्रताप विक्रम ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि 'हम स्लम एरिया के बच्चों को पिछले कई दिनों से लगातार प्रशिक्षित कर रहे हैं. परेड में यह बच्चे शामिल होंगे और बेहतरीन प्रदर्शन करने का काम करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रिहर्सल भी इन बच्चों को कराई गई है. यह काफी उत्साहित भी हैं. अब यह बच्चे अन्य बच्चों के साथ आगे कदमताल करते हुए नजर आएंगे. इससे इनका जीवन भी बेहतर होगा और पढ़ाई लिखाई के काम में भी भी आगे बढ़ पाएंगे.' स्माइल प्रोजेक्ट के कोर्डिनेटर प्रताप विक्रम ने बताया कि 'हम पिछले डेढ़ साल से इन बच्चों के साथ काम कर रहे हैं. हम इन बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकाल कर मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं. उनको स्मार्ट शिक्षा देने और स्कूलों से जोड़ने का काम किया जा रहा है. अब हम इन्हें कल 26 जनवरी की परेड प्रैक्टिस में लाएंगे.'

यह भी पढ़ें : Illegal Mining in UP : वसूली करने वालों को डीजीपी ने दी चेतावनी, अवैध खनन को लेकर दिए ये निर्देश

स्लम एरिया के 40 बच्चे परेड में दिखाएंगे करतब.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार स्लम एरिया में रहने वाले झुग्गी झोपड़ी के बच्चे करतब दिखाएंगे. साथ ही परेड का हिस्सा बनेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश करेंगे. लखनऊ जिला प्रशासन ने इस बार परेड में शामिल होने वाले स्कूली बच्चों के कार्यक्रमों में लखनऊ के स्लम एरिया के गरीब बच्चों को भी शामिल किया है और बाकायदा करीब 40 बच्चों की पिछले कई दिनों से लगातार प्रैक्टिस भी कराई जा रही है. गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल के अवसर पर भी इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. उत्तर प्रदेश की राजधानी में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में यह बच्चे हिस्सा लेंगे और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबको मंत्रमुग्ध करने का काम करेंगे.


अभी तक यह बच्चे लखनऊ के कई चौक चौराहों पर पैसे मांगने से लेकर तमाम अन्य तरह के छोटे-मोटे काम करते रहे हैं, लेकिन अब लखनऊ जिला प्रशासन की पहल पर यह सारे बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे और अपना करतब दिखाने का काम करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पेश करने से पहले उनकी रिहर्सल भी कराई गई है. गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने कार्यक्रम पेश करने को लेकर यह स्लम एरिया के रहने वाले बच्चे काफी खुश हैं और उत्साहित भी हैं. लखनऊ जिला प्रशासन के निर्देश पर इस पूरे काम की मॉनिटरिंग करने वाले प्रोजेक्ट स्माइल के कोऑर्डिनेटर प्रताप विक्रम ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि 'हम स्लम एरिया के बच्चों को पिछले कई दिनों से लगातार प्रशिक्षित कर रहे हैं. परेड में यह बच्चे शामिल होंगे और बेहतरीन प्रदर्शन करने का काम करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रिहर्सल भी इन बच्चों को कराई गई है. यह काफी उत्साहित भी हैं. अब यह बच्चे अन्य बच्चों के साथ आगे कदमताल करते हुए नजर आएंगे. इससे इनका जीवन भी बेहतर होगा और पढ़ाई लिखाई के काम में भी भी आगे बढ़ पाएंगे.' स्माइल प्रोजेक्ट के कोर्डिनेटर प्रताप विक्रम ने बताया कि 'हम पिछले डेढ़ साल से इन बच्चों के साथ काम कर रहे हैं. हम इन बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकाल कर मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं. उनको स्मार्ट शिक्षा देने और स्कूलों से जोड़ने का काम किया जा रहा है. अब हम इन्हें कल 26 जनवरी की परेड प्रैक्टिस में लाएंगे.'

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