नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा की आज सुबह आपात बैठक हुई, जिसमें सरकार और किसान मोर्चा के सदस्यों के बीच बातचीत हुई. दोपहर में फिर से एसकेएम की बैठक होगी. एसकेएम की 5 सदस्यीय समिति के सदस्य अशोक धवले ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि हम सराहना करते हैं कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और लिखित में कुछ दे रही है. लेकिन प्रस्ताव में कुछ खामियां थीं, इसलिए कल रात, हमने इसे कुछ संशोधनों के साथ वापस भेज दिया और उनकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
अशोक धवले ने कहा कि किसान संघ के सदस्यों सहित एमएसपी-केंद्रित समिति के गठन की आवश्यकता है. सरकार ने यह भी कहा कि आंदोलन खत्म करने के बाद हमारे खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे, जो गलत है. हमें यहां ठंड में बैठना पसंद नहीं.
उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से मुआवजे को मंजूरी दे दी गई है, हमें पंजाब मॉडल जैसा कुछ ठोस चाहिए. उन्होंने बिजली बिल को वापस लेने का भी वादा किया था, लेकिन अब वे हितधारकों के साथ इस पर चर्चा करना चाहते हैं और फिर इसे संसद में रखना चाहते हैं. यह विरोधाभासी है.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की पांच सदस्यीय समिति आज नई दिल्ली में बैठक करेगी. जिसमें किसान आंदोलन को लेकर बड़ा हो सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है, जिसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. संगठन ने कहा कि उसने किसानों पर दर्ज फर्जी मामले वापस लेने के लिये आंदोलन समाप्त करने की सरकार की पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है.
बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा, उस पर चर्चा हुई और संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने पेश किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
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राजेवाल ने कहा, 'हमें इस पर आपत्ति थी. हमें एमएसपी पर ऐसी समितियां नहीं चाहिए जो शुरू से ही हमारी मांग के विरोध में हैं. हमने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.' उन्होंने कहा, 'हम सरकार की उस शर्त के भी खिलाफ हैं, जिसमें कहा गया कि किसानों पर दर्ज फर्जी मामलों को वापस लेने के लिए किसान आंदोलन समाप्त करना होगा.'
एक अन्य किसान नेता ने कहा कि उन्हें मंगलवार दोपहर को प्रस्ताव मिला. उन्होंने कहा, 'हमने बैठक में इस पर चर्चा की. हमें प्रस्ताव में कुछ बिंदुओं पर आपत्ति थी. हमारे सदस्यों ने कुछ सुझाव दिए हैं और उन्हें सरकार को भेज दिया गया है.'
(पीटीआई-भाषा)