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भारत में डेल्टा स्वरूप के कारण पिछले साल जो हालात पैदा हुए थे, वे फिर उत्पन्न हो सकते हैं:संरा

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2021 में डेल्टा वेरिएंट की वजह से जो मौतें हुई थीं और आर्थिक सुधार के काम बाधित हो गए थे. इसी तरह के हालात निकट समय में पैदा हो सकते हैं.

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कोरोना (प्रतीकात्मक)
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Published : Jan 14, 2022, 4:56 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 6:47 AM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अप्रैल और जून 2021 के बीच कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की घातक लहर में 2,40,000 लोगों की मौत हो गई थी तथा आर्थिक सुधार बाधित हुआ था और निकट समय में भी इसी तरह के हालात उत्पन्न हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2022 रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण की नयी लहरों के कारण मृतकों की संख्या और आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में, डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की एक घातक लहर ने अप्रैल और जून के बीच 2,40,000 लोगों की जान ले ली थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था. निकट समय में इसी तरह के हालात पैदा हो सकते हैं.'

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के अवर महासचिव लियु जेनमिन ने कहा, 'कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए एक समन्वित और निरंतर वैश्विक दृष्टिकोण के बिना यह महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के समावेशी और स्थायी उभार के लिये सबसे बड़ी जोखिम बनी रहेगी.'

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अप्रैल और जून 2021 के बीच कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की घातक लहर में 2,40,000 लोगों की मौत हो गई थी तथा आर्थिक सुधार बाधित हुआ था और निकट समय में भी इसी तरह के हालात उत्पन्न हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2022 रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण की नयी लहरों के कारण मृतकों की संख्या और आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में, डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की एक घातक लहर ने अप्रैल और जून के बीच 2,40,000 लोगों की जान ले ली थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था. निकट समय में इसी तरह के हालात पैदा हो सकते हैं.'

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के अवर महासचिव लियु जेनमिन ने कहा, 'कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए एक समन्वित और निरंतर वैश्विक दृष्टिकोण के बिना यह महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के समावेशी और स्थायी उभार के लिये सबसे बड़ी जोखिम बनी रहेगी.'

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jan 14, 2022, 6:47 AM IST
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