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असम कैश-फॉर-जॉब घोटाला : SIT की कार्रवाई, 34 सिविल सेवक गिरफ्तार

साल 2014 असम लोक सेवा आयोग कैश-फॉर-जॉब घोटाले के मामले में विशेष जांच दल ने 34 सिविल सेवकों को गिरफ्तार किया है. जांच दल ने जानकारी दी है कि इन सिविल सेवकों को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया है और इनसे पूछताछ की जा रही है. Cash-for-job scams, Assam Public Service Commission, special investigation team.

APSC cash-for-job scam
एपीएससी कैश-फॉर-जॉब घोटाला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 3:07 PM IST

Updated : Nov 22, 2023, 5:16 PM IST

गुवाहाटी: विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2014 के असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) कैश-फॉर-जॉब घोटाले के सिलसिले में 34 सिविल सेवकों को गिरफ्तार किया है. सिविल सेवकों को विभिन्न स्थानों से पकड़ा गया और गुवाहाटी लाया गया. एसआईटी फिलहाल सभी संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और आज उनमें से कई की गिरफ्तारी की उम्मीद है.

अधिकारियों से पूछताछ तब शुरू हुई जब न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार सरमा आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन 34 सिविल सेवक अधिकारी के नाम का उल्लेख किया. बिप्लब सरमा आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, असम सरकार ने मुख्य जांच अधिकारी के रूप में सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता और मेट्रोपॉलिटन पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) प्रतीक थुबे की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एसआईटी का गठन किया.

शुरुआती जांच में एसआईटी को कई जानकारियां मिली थीं. मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, जो गृह विभाग के भी प्रभारी हैं, उनके निर्देशों के बाद एसआईटी और मुख्यमंत्री कार्यालय ने हाल के दिनों में दिसपुर में इस मुद्दे को लेकर कई बैठकें कीं. एक अन्य महत्वपूर्ण घटना में, एसआईटी बुधवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. अदालत ने पहले एसआईटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था.

पूरा मामला यह है कि न्यायिक जांच आयोग द्वारा चिन्हित 34 एसीएस अधिकारियों का 2013 की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में अनियमित तरीके से चयन किया गया और उनकी चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं. परिणाम अगले वर्ष घोषित किए गए, जिससे तत्कालीन एपीएससी अध्यक्ष राकेश पाल के तहत बड़े पैमाने पर विसंगतियां पैदा हुईं, जो घोटाले के सिलसिले में जेल भी गए थे.

गुवाहाटी: विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2014 के असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) कैश-फॉर-जॉब घोटाले के सिलसिले में 34 सिविल सेवकों को गिरफ्तार किया है. सिविल सेवकों को विभिन्न स्थानों से पकड़ा गया और गुवाहाटी लाया गया. एसआईटी फिलहाल सभी संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और आज उनमें से कई की गिरफ्तारी की उम्मीद है.

अधिकारियों से पूछताछ तब शुरू हुई जब न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार सरमा आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन 34 सिविल सेवक अधिकारी के नाम का उल्लेख किया. बिप्लब सरमा आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, असम सरकार ने मुख्य जांच अधिकारी के रूप में सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता और मेट्रोपॉलिटन पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) प्रतीक थुबे की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एसआईटी का गठन किया.

शुरुआती जांच में एसआईटी को कई जानकारियां मिली थीं. मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, जो गृह विभाग के भी प्रभारी हैं, उनके निर्देशों के बाद एसआईटी और मुख्यमंत्री कार्यालय ने हाल के दिनों में दिसपुर में इस मुद्दे को लेकर कई बैठकें कीं. एक अन्य महत्वपूर्ण घटना में, एसआईटी बुधवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. अदालत ने पहले एसआईटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था.

पूरा मामला यह है कि न्यायिक जांच आयोग द्वारा चिन्हित 34 एसीएस अधिकारियों का 2013 की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में अनियमित तरीके से चयन किया गया और उनकी चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं. परिणाम अगले वर्ष घोषित किए गए, जिससे तत्कालीन एपीएससी अध्यक्ष राकेश पाल के तहत बड़े पैमाने पर विसंगतियां पैदा हुईं, जो घोटाले के सिलसिले में जेल भी गए थे.

Last Updated : Nov 22, 2023, 5:16 PM IST
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