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सिख संगठन ने की धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने की मांग

जम्मू-कश्मीर में एक सिख संगठन ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश में अंतरजातीय विवाह अधिनियम लागू करने एवं धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग की.

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Published : Jun 30, 2021, 7:27 PM IST

श्रीनगर : केंद्र शासित प्रदेश में सिख समुदाय की चार महिलाओं का कथित रूप से जबरन इस्लाम में धर्मांतरण करवाने के आरोपों पर उपजे विवाद के बीच सिख संगठन की यह मांग सामने आई है. सर्वदलीय सिख समन्वय समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने संवाददाताओं को यहां बताया कि सिख समुदाय की ओर से मैं जम्मू कश्मीर में अंतरजातीय विवाह अधिनियम लागू किए जाने का आग्रह करता हूं.

एक बार जब यह कानून अमल में आ जाएगा तो अंतरजातीय विवाह अपने आप समाप्त हो जाएगा. अपनी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी रैना ने कहा कि ये कानून विभिन्न धर्म एवं वर्ग के लोगों की रक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि जो तत्व ऐसे विवाहों से लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें भी मुंह की खानी पड़ेगी.

यह भी पढ़ें-कृषि कानूनों का विरोध : सात माह बाद भी सरकार और किसान जस के तस

उन्होंने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि जम्मू कश्मीर में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया जाए. यह कानून किसी भी धर्म के लोगों के जबरन धर्मांतरण को रोकेगा.

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : केंद्र शासित प्रदेश में सिख समुदाय की चार महिलाओं का कथित रूप से जबरन इस्लाम में धर्मांतरण करवाने के आरोपों पर उपजे विवाद के बीच सिख संगठन की यह मांग सामने आई है. सर्वदलीय सिख समन्वय समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने संवाददाताओं को यहां बताया कि सिख समुदाय की ओर से मैं जम्मू कश्मीर में अंतरजातीय विवाह अधिनियम लागू किए जाने का आग्रह करता हूं.

एक बार जब यह कानून अमल में आ जाएगा तो अंतरजातीय विवाह अपने आप समाप्त हो जाएगा. अपनी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी रैना ने कहा कि ये कानून विभिन्न धर्म एवं वर्ग के लोगों की रक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि जो तत्व ऐसे विवाहों से लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें भी मुंह की खानी पड़ेगी.

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उन्होंने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि जम्मू कश्मीर में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया जाए. यह कानून किसी भी धर्म के लोगों के जबरन धर्मांतरण को रोकेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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