चंडीगढ़ : चंडीगढ़ निवासी एक सिख व्यक्ति ने यहां की स्थानीय अदालत में सिविल वाद दायर कर अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष को उसका एवं उसके नाबालिग बेटे को कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिविजन) रसवीन कौर की अदालत ने 36 वर्षीय व्यक्ति की शिकायत पर बचाव पक्षों को बुधवार को नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख 20 जुलाई तय की है.
वकील दीक्षित अरोड़ा के माध्यम से दायर दीवानी वाद में व्यक्ति ने कहा कि वह धर्म से सिख है जबकि उसकी पत्नी और सुसराल पक्ष मुस्लिम हैं.
वादी ने अपने वकील के माध्यम से दलील दी कि वह महिला से 2008 में चंडीगढ़ में मिला था. दोनों में दोस्ती होने के बाद महिला ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था जिसे उसने अपने दूसरे धर्म का होने का कारण ठुकरा दिया था.
उसने कहा कि लेकिन जब महिला ने आश्वासन दिया कि वह उसकी धार्मिक आस्था में कोई बाधा नहीं डालेगी तो दोनों ने 2008 में अमृतसर में सिख रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली.
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वादी ने आरोप लगाया है कि शादी के पहले दिन से, उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने उसपर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था जिससे परेशान होकर वह 2008 से 2011 तक उनसे दूर रहा. उसके बाद वह अमृतसर चला गया जहां वह चार साल रहा.
उसने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी ने 2012 में बेटे को जन्म दिया और फिर उसका भी धर्मांतरण करने की कोशिश की. वह 2016 में चंडीगढ़ लौट गया. उसने साथ ही आरोप लगाया कि उसके ससुराल पक्ष का घर में बहुत दखल है जिससे परेशान होकर उसने अदालत का रुख किया है.
(पीटीआई-भाषा)