नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सिख महिलाओं के कथित धर्मांतरण मामले को लेकर सिख नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान सिख नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए अध्यादेश की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा.
गृह राज्य मंत्री से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में जागो पार्टी के अध्यक्ष व सिख नेता मनजीत सिंह जीके, भाजपा नेता सरदार आरपी सिंह और जम्मू-कश्मीर के भी कुछ सिख नेता शामिल थे. सभी नेताओं ने मांग की है कि जम्मू-कश्मीर में अभी कोई सरकार नहीं है लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में जल्द से जल्द लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की आवश्यकता है. ऐसे में अध्यादेश के माध्यम से धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लाया जा सकता है.
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने आश्वासन दिया है कि वह इस विषय की गंभीरता को देखते हुए देश के गृह मंत्री अमित शाह से इस पर चर्चा करेंगे.
बता दें कि सिख समुदाय द्वारा किया जा रहा है कि हाल में कश्मीर में चार सिख महिलाओं का जबरन विवाह कराया गया और उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया.
सिख समुदाय के लोग इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सोमवार को कथित 'अपहरण और धर्म परिवर्तन' के खिलाफ पूरे जम्मू-कश्मीर में सड़कों और राजमार्ग पर मार्च निकालकर प्रदर्शन किया था.
साथ ही उन्होंने यह मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष भी उठाया है. सिख समुदाय के लोग इन महिलाओं को उनके परिवार के हवाले करने और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून की मांग कर रहे हैं.
सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह जम्मू-कश्मीर में भी अंतर धार्मिक शादी में परिवार की सहमति की आवश्यकता को अनिवार्य करने का कानून बनाने की मांग की है.
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धर्मांतरण मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच एक सिख महिला ने वीडियो बयान जारी कर जबरन धर्म परिवर्तन और अपहरण के आरोपों का खंडन किया है. महिला का कहना है कि उनसे अपनी मर्जी से मुस्लिम युवक से शादी की थी और धर्म परिवर्तन के लिए उस पर कोई दबाव नहीं बनाया गया था.