नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौर में हर तबका संघर्ष कर रहा है. इसी कड़ी में ट्रांसजेंडर समुदाय भी शामिल है. हालांकि, पूर्वाग्रहों को पीछे छोड़ते हुए अब कई ट्रांसजेंडर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं. इसकी मिसाल लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जैसी कार्यकर्ता हैं. ताजा घटनाक्रम में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Laxmi Narayan Tripathi) के साथ सहभागिता का निर्णय लिया है.
ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट के साथ सहभागिता (Collaboration) के मकसद पर सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, 'मेरा हमेशा से मानना रहा है कि स्वास्थ्य देखभाल और गरिमा मौलिक मानवाधिकार होना चाहिए.'
अदार पूनावाला ने कहा कि मैं भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अवसर प्रदान करने में ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ सहयोग करने को लेकर उत्सुक हूं.
सीरम के सीईओ अदार पूनावाला के ट्वीट को रीट्वीट कर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी इस सहभागिता को लेकर खुशी जाहिर की. उन्होंने लिखा कि महामारी के इस दौर में समाज के वंचित तबके का टीकाकरण कराना आशीर्वाद है. उन्होंने सीरम का आभार भी प्रकट किया.
गौरतलब है कि भारत में बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर रहते हैं. हम भारतीय उन्हें प्यार से मां कहते हैं. ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं. किन्नर अखाड़ा ट्रांसजेंडरों की एक धार्मिक मंडली है.
बकौल त्रिपाठी, 'हमारे धार्मिक ग्रंथ बताते है कि प्राचीन भारत में ट्रांसजेंडर को कितना महत्व दिया गया था. मैं निश्चिंत हूं कि यह ज्यादा स्वतंत्रता और लोगों के बीच स्वीकार्यता के आह्वान के लिए हमारे समुदाय के लोगों का उत्साह बढ़ाएगा.'
प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना होने के अलावा 1979 में जन्मे त्रिपाठी ने हिंदी फिल्मों में भी काम किया है. त्रिपाठी का कहना है कि हमारे समुदाय के लिए नौकरी एक सबसे बड़ी समस्या है. उनका कहना है कि कि नियोक्ता अभी भी ट्रांसजेंडरों को नौकरियां देने से कतराते हैं. त्रिपाठी के मुताबिक शैक्षणिक संस्थानों को भी स्कूलों और कॉलेजों में स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए उदारता दिखाने की जरूरत है.
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इस वर्ष इंडिया फॉर मदर्स मुहिम में भी शामिल हुई थीं. उन्होंने कहा था, 'मैं इंडिया गेट की पहल इंडिया फॉर मदर्स के साथ जुड़कर ट्रांसजेंडर समुदाय तक पहुंचने और उन्हें इस कठिन समय में खाना मुहैया कराने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूं.'
उन्होंने अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा और शेफ विकास खन्ना को धन्यवाद भी दिया. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा था, 'उन्होंने हमें इन कठिन समय में याद किया और समुदाय के लिए अपना योगदान दिया.' इस पहल के तहत दिल्ली में एक दिन में 20 लाख पैकेट भोजन परोसा गया था.
(एजेंसी इनपुट के साथ)