चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के सलाहकार मालविंदर सिंह माली (Malwinder Singh Mali) ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है. फेसबुक पर पोस्ट किए गए इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें कुछ होता है तो राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा विजय इंद्र सिंगला, मनीष तिवारी, सुखबीर बादल, बिक्रम मजीठिया, भाजपा सचिव सुभाष शर्मा और आम आदमी पार्टी के दिल्ली से नेता राघव चड्डा और जर्नैल सिंह जिम्मेदार होंगे.
मालविंदर सिंह माली ने इस सप्ताह की शुरुआत में सोशल मीडिया में एक पोस्ट में कश्मीर में संविधान के आर्टिकल 370 को रद्द करने के मुद्दे पर बात की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था तो आर्टिकल 370 और 35ए हटाने की क्या जरूरत थी.
इस मामले में पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अगर माली ने इस्तीफा दिया है, तो अच्छा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह सिद्धू और माली के बीच का मामला है.
इससे पहले रावत ने मीडिया से कहा था कि अगर कांग्रेस का कोई सदस्य जम्मू-कश्मीर के बारे में कुछ भी कहेगा, तो उसकी निंदा की जाएगी. यह नवजोत सिंह सिद्धू के ऊपर है कि वह अपने पद पर बने रहें या नहीं.
उनका यह बयान पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रहे संकट के बीच आया है. दरअसल, पार्टी के नेताओं के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ विद्रोह कर दिया है, उनके रिपलेस्मेंट की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उनकी कार्यशैली राज्य में पार्टी और सरकार दोनों को नुकसान पहुंचाएगी.
रावत ने बताया कि वह कल सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों से मुलाकात करेंगे और उन्हें पंजाब के मौजूदा हालात से अवगत कराएंगे.
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गौरतलब है कि इससे पहले रावत ने कहा था कि 2022 का विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, वहीं आज उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
बता दें कि बीते दिनों पंजाब में मंत्रियों और विधायकों के एक समूह ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार की 'कथित राष्ट्र विरोधी एवं पाकिस्तान समर्थक टिप्पणी' को लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. सलाहकार रहे मालविंदर सिंह माली अपनी हालिया विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर विपक्ष और पार्टी के निशाने पर आ गए थे.