मानसा (पंजाब) : मानसा की अनाज मंडी में सिंगर सिद्धू मूसेवाला का अंतिम अरदास के मौके पर हजारों लोगों की भीड़ जुटी. अंतिम अरदास में सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने जब अपने बेटे को याद करना शुरू किया तो वहां लोगों की आंखें नम हो गई. बलकौर सिंह ने कहा कि उनका बेटा आसपास ही है, वह कहीं नहीं गया है. वह हमेशा अपने बेटे का साया रहे हैं, लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें उसकी कमी खल रही है. वहा मौजूद संगत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 29 मई को ऐसा मनहूस दिन था कि वह चला गया लेकिन आप लोगों के प्यार ने मेरा दुख बहुत हद तक कम कर दिया. गुरु का फैसला सिर माथे पर है. हम गुरु साहिब की बानी के हिसाब से जीवन पथ पर चलेंगे.
बेटे के बारे में बताते हुए बलकौर सिंह ने कहा कि सिद्धू मूसावाला काफी मेहनती था. उसने कभी जिद नहीं की. उसने क्लास 2 से साइकल से स्कूल और ट्यूशन जाना शुरू कर दिया था. बेटे के संघर्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सिद्धू मूसावाला ने कभी जेब खर्च के लिए पैसे नहीं मांगे. उसने अपनी जेब में कभी पर्स नहीं रखी. वह गाने लिख-लिखकर अपना खर्च चलाता था. उसमें मानवता भरी हुई थी. वह हमेशा अपनी मां की हाथों से टीका लगवाकर घर से निकलता था. जब तक मां टीका नहीं लगाती, मेरा बेटा बाहर नहीं जाता, लेकिन 29 तारीख को वह बिना टीका लगाए निकल पड़ा. पता नहीं कैसे हो गया कि मैं आखिरी वक्त में सिद्धू के साथ नहीं था.
मूसेवाला के पिता ने कहा कि मैंने या मेरे बेटे ने जाने-अनजाने किसी को ठेस पहुंचाई है तो इसके लिए मैं सभी से माफी मांगता हूं. आप अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें. बलकौर सिंह ने लोगों से सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों से बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे शुभदीप सिद्धू के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक्टिव रहेंगे. इसके जरिये वह आगे की प्लान उनके फैंस के सात शेयर करेंगे. बेटे की मौत पर इंसाफ की गुहार करते हुए बलकौर सिंह ने कहा कि उन्होंने सरकार को अभी समय दिया है, क्योंकि जांच में समय लगेगा, हालांकि वह तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक न्याय नहीं हो जाता.
सिद्धू मूसेवाला की समाधि पर उनके फैंस मत्था टेक रहे हैं और पैसे का चढ़ावा चढ़ा रहे हैं. इसके बाद गांव मूसा स्थित उनकी समाधि पर परिवारवालों ने एक बोर्ड लगा दिया है, जिसमें मत्था नहीं टेकने और पैसे नहीं रखने की अपील की गई है. बलकौर सिंह ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला गुरु पर भरोसा रखता था, इसलिए आप सभी गुरु ग्रंथ साहिब के सामने ही हाथ जोड़ें. आप उसके नाम पर एक पौधा जरूर लगाएं और उसे पाल पोसकर बड़ा करें. बता दें कि पंजाबी सिंगर मूसेवाला की 29 मई को मनसा के जवाहरके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसकी मौत के बाद से मूसेवाला के पालतू डॉगी शेरा और वगीरा भी दुखी है. ये दोनों अक्सर सिद्धू मूसेवाला की समाधि के पास घूमते रहते हैं. जब दोनों कुत्ते खाना नहीं खाते तो परिवार वाले इन्हें मूसेवाला की समाधि पर ले जाते हैं.
फिलहाल मूसेवाला की हत्या के बाद से मानसा में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पंजाब पुलिस ने इस मामले में 8 बदमाशों को गिरफ़्तार किया है, इन में हरियाणा के सिरसा का शॉर्प शूटर संदीप केकड़ा भी शामिल है. पंजाब पुलिस के अनुसार, सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश जनवरी 2022 से रची जा रही थी. कनाडा में बैठा गैंगस्टर गोल्डी बरार जनवरी में पंजाब आया था. तभी से उसके गुर्गे सिद्धू मूसेवाला की रेकी कर रहे थे.