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रायगढ़ में रेमेडिसिविर इंजेक्शन से 90 रोगियों में देखा गया साइड इफेक्ट

रायगढ़ में कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए COVIFOR (HCL21013) नाम का रेमेडिसिविर इंजेक्शन दिया गया. जिसके बाद लगभग 90 रोगियों पर इसका दुष्प्रभाव दिखाई दिया है.

Side effects
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Published : May 1, 2021, 1:42 AM IST

रायगढ़ : इस सेट को जिले में 120 कोरोना रोगियों में इंजेक्ट किया गया था और इनमें से 90 को साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ रहा है. वहां मौजूद डॉक्टरों ने मरीजों का तुरंत इलाज किया और उन्हें सामान्य स्थिति में वापस ले आए.

जिला कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा कि इसके कारण, खाद्य और औषधि प्रशासन ने जिला अस्पताल को रेमेडिसिविर के सेट का उपयोग बंद करने का आदेश दिया है. रेमेडिसिविर इंजेक्शन की दैनिक आपूर्ति होती है. कोरोना से पीड़ित बहुत बीमार रोगी को रेमेडिसिविर इंजेक्शन द्वारा ठीक करने की कोशिश की जा रही है.

फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द मरीजों को ये इंजेक्शन दिए जाएं. जिला प्रशासन खाद्य और औषधि प्रशासन से जिला अस्पताल में रेमेडिसिविर इंजेक्शन के दैनिक सेट की आपूर्ति करता है. 90 लोगों को इंजेक्शन के दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ रहा है.

बीते 28 अप्रैल को महाड के एक वितरक ने पूरे जिले में निजी और सरकारी अस्पतालों में 500 रेमेडिसवायर इंजेक्शन की आपूर्ति की थी. उसी के अनुसार 120 लोगों को रेमेडिसिविर इंजेक्शन दिया गया. इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उनमें से 90 लोग अचानक बेचैनी महसूस करने लगे. जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिलने के बाद उन्होंने इसे सरकार को सूचित किया.

यह भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा, केंद्र और राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की कीमत में अंतर क्यों

साथ ही खाद्य और औषधि प्रशासन को एक पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि 28 अप्रैल को आने वाले बैच से रेमेडिसिविर इंजेक्शन न दें. हीथ्रो हेल्थकेयर लिमिटेड के निदेशक एन बोस ने खाद्य और औषधि प्रशासन को इंजेक्शन के उपयोग को रोकने के लिए लिखा है. जिसके अनुसार खाद्य और औषधि प्रशासन ने इस पत्र को सभी अस्पतालों को भेज दिया है.

रायगढ़ : इस सेट को जिले में 120 कोरोना रोगियों में इंजेक्ट किया गया था और इनमें से 90 को साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ रहा है. वहां मौजूद डॉक्टरों ने मरीजों का तुरंत इलाज किया और उन्हें सामान्य स्थिति में वापस ले आए.

जिला कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा कि इसके कारण, खाद्य और औषधि प्रशासन ने जिला अस्पताल को रेमेडिसिविर के सेट का उपयोग बंद करने का आदेश दिया है. रेमेडिसिविर इंजेक्शन की दैनिक आपूर्ति होती है. कोरोना से पीड़ित बहुत बीमार रोगी को रेमेडिसिविर इंजेक्शन द्वारा ठीक करने की कोशिश की जा रही है.

फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द मरीजों को ये इंजेक्शन दिए जाएं. जिला प्रशासन खाद्य और औषधि प्रशासन से जिला अस्पताल में रेमेडिसिविर इंजेक्शन के दैनिक सेट की आपूर्ति करता है. 90 लोगों को इंजेक्शन के दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ रहा है.

बीते 28 अप्रैल को महाड के एक वितरक ने पूरे जिले में निजी और सरकारी अस्पतालों में 500 रेमेडिसवायर इंजेक्शन की आपूर्ति की थी. उसी के अनुसार 120 लोगों को रेमेडिसिविर इंजेक्शन दिया गया. इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उनमें से 90 लोग अचानक बेचैनी महसूस करने लगे. जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिलने के बाद उन्होंने इसे सरकार को सूचित किया.

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साथ ही खाद्य और औषधि प्रशासन को एक पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि 28 अप्रैल को आने वाले बैच से रेमेडिसिविर इंजेक्शन न दें. हीथ्रो हेल्थकेयर लिमिटेड के निदेशक एन बोस ने खाद्य और औषधि प्रशासन को इंजेक्शन के उपयोग को रोकने के लिए लिखा है. जिसके अनुसार खाद्य और औषधि प्रशासन ने इस पत्र को सभी अस्पतालों को भेज दिया है.

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