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सिद्धरमैया ने मंदिर गिराए जाने पर भाजपा सरकार की आलोचना की

कांग्रेस ने कर्नाटक के मैसूरु जिले में स्थित हिंदू मंदिर को गिराए जाने की घटना की निंदा की है और राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया
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Published : Sep 11, 2021, 10:45 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के मैसूरु जिले के नंजांगुड में प्राचीन हिंदू मंदिर को गिराए जाने की घटना की निंदा करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि ऐसी कार्रवाई किए जाने से पहले भाजपा सरकार को स्थानीय लोगों को सलाह लेनी चाहिए थी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार के इस कृत्य से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

सिद्धरमैया ने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, नंजांगुड में एक प्राचीन मंदिर को गिराया जाना निंदनीय है. चूंकि, यह एक संवेदनशील मसला था, कर्नाटक भाजपा को स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए थी. मंदिर को स्थानीय लोगों से संपर्क किए बगैर ढहाया गया है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

सिद्धरमैया का ट्वीट
सिद्धरमैया का ट्वीट

उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हालांकि, यह एक अदालती आदेश था लेकिन प्रशासन को इसे (आदेश को) लागू करने से पहले लोगों को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी.'

कांग्रेस नेता ने मंदिर बनाने के लिये भूखंड दिये जाने की भी मांग की.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक के उडुपी में लोगों ने सोने से मढ़वाई गणेश प्रतिमा

बता दें, मैसूरु जिले के नंजांगुड में स्थित महादेवम्मा मंदिर (Mahadevamma Temple) को दो दिन पहले गिरा दिया गया था. मंदिर 30 साल पहले सरकारी स्थल पर बनाया गया था. सरकार ने यह कहकर मंदिर को गिराने का आदेश दिया कि मंदिर सड़क के किनारे स्थित है.

बेंगलुरु : कर्नाटक के मैसूरु जिले के नंजांगुड में प्राचीन हिंदू मंदिर को गिराए जाने की घटना की निंदा करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि ऐसी कार्रवाई किए जाने से पहले भाजपा सरकार को स्थानीय लोगों को सलाह लेनी चाहिए थी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार के इस कृत्य से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

सिद्धरमैया ने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, नंजांगुड में एक प्राचीन मंदिर को गिराया जाना निंदनीय है. चूंकि, यह एक संवेदनशील मसला था, कर्नाटक भाजपा को स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए थी. मंदिर को स्थानीय लोगों से संपर्क किए बगैर ढहाया गया है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.

सिद्धरमैया का ट्वीट
सिद्धरमैया का ट्वीट

उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हालांकि, यह एक अदालती आदेश था लेकिन प्रशासन को इसे (आदेश को) लागू करने से पहले लोगों को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी.'

कांग्रेस नेता ने मंदिर बनाने के लिये भूखंड दिये जाने की भी मांग की.

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बता दें, मैसूरु जिले के नंजांगुड में स्थित महादेवम्मा मंदिर (Mahadevamma Temple) को दो दिन पहले गिरा दिया गया था. मंदिर 30 साल पहले सरकारी स्थल पर बनाया गया था. सरकार ने यह कहकर मंदिर को गिराने का आदेश दिया कि मंदिर सड़क के किनारे स्थित है.

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