बेंगलुरु : सिद्धरमैया ने ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) उम्मीदवारों को कन्नड़ में आईबीपीएस परीक्षा देने की अनुमति नहीं देकर कन्नड़ लोगों को धोखा दे रहे हैं. आईबीपीएस की नवीनतम अधिसूचना भाजपा के कन्नड़ विरोधी रुख का एक उदाहरण है. केंद्र सरकार को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए और कन्नड लोगों के प्रति न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.
हैशटैग 'आईबीपीएसमोसा' हैशटैग 'आईबीपीएसचीटिंग' के साथ कई ट्वीट करके सिद्धरमैया ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा और मांग की कि यदि कन्नड़ लोगों के लिये न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं तो राज्य से राज्यसभा सदस्य एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और येदियुरप्पा को इस्तीफा दे देना चाहिए.
कर्नाटक से लोकसभा (Lok Sabha) के लिए 25 सांसद चुने जाने की बात करते हुए उन्होंने सवाल किया कि ये सांसद क्या कर रहे हैं? हालांकि दास प्रथा समाप्त हो गई है, लेकिन भाजपा के कर्नाटक के सांसद नरेंद्र मोदी के दासों की तरह व्यवहार कर रहे हैं. उन पर शर्म आती है.
उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा के समर्थक उन्हें ‘हुली’ (बाघ) कहते हैं लेकिन वास्तव में वह ‘इली’ (चूहा) हैं. जब नरेंद्र मोदी के सामने खड़ा होना होता है तो वह बिलों में छिप जाते हैं. अगर वह कन्नड़ लोगों के लिये न्याय सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेस नेता व कर्नाटक के पूर्व सीएम बोले- लव जिहाद पर कानून बनाना मूर्खतापूर्ण
यह उल्लेख करते हुए कि आईबीपीएस ने 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में 3,000 से अधिक रिक्त लिपिक पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे, जिनमें से 407 पद कर्नाटक में हैं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता से कन्नड़भाषियों को बाहर करके कन्नड़ के साथ अन्याय किये जाने के परिणामस्वरूप भारी बेरोजगारी होगी.
(पीटीआई-भाषा)