नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में चल रही जांच की निष्पक्षता पर संदेह जताया है. वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय में पहलवानों की पैरवी की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'पहलवानों के यौन शोषण मामले की जांच: कुछ जांच आरोपियों को दंडित करने की ओर आगे बढ़ती हैं तो कुछ आरोपियों को बचाने की ओर. जिस तरह से यह जांच चल रही है, हम जानते हैं.'
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Investigating:
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Wrestlers Sexual Abuse
Some investigations move to punish the accused
Others to save the accused
The way this investigation is going :
We know !
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— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 16, 2023
Wrestlers Sexual Abuse
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Wrestlers Sexual Abuse
Some investigations move to punish the accused
Others to save the accused
The way this investigation is going :
We know !
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में यह जानकारी दी थी. अदालत ने इससे पहले पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख सिंह तथा भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी बयान दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़ी है जिसमें पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. वहीं, दूसरी प्राथमिकी वयस्कों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है.
पहलवान वैश्विक मंच पर ले जाएंगे अपना विरोध प्रदर्शन, विदेशों के ओलंपियन से करेंगे संपर्क
वहीं, जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं करने की स्थिति में विदेशों के ओलंपिक पदक विजेताओं और खिलाड़ियों से संपर्क करके अपने आंदोलन को वैश्विक मंच पर ले जाने का फैसला किया है. पहलवानों ने सोमवार को कहा कि आंदोलन को लेकर एक बड़ा फैसला 21 मई के बाद लिया जाएगा.
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 23 दिन से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. इन पहलवानों में एक नाबालिग भी शामिल है. जकार्ता एशियाई खेल 2018 की स्वर्ण पदक विजेता विनेश ने कहा, 'हम इस प्रदर्शन को विश्व स्तर पर ले जाएंगे. हम अन्य देशों के ओलंपियन और ओलंपिक पदक विजेताओं से संपर्क करेंगे. हम उन्हें पत्र लिखकर उनसे समर्थन मांगेंगे.'
उन्होंने इसके साथ ही आरोप लगाया कि रविवार की रात को कुछ लोगों ने उनके प्रदर्शन की छवि बिगाड़ने की कोशिश की. उन्होंने इसके साथ ही कहा की प्रदर्शन स्थल पर पहलवानों का पीछा किया जा रहा है. विनेश ने कहा, 'कुछ लोगों ने हमारे प्रदर्शन में बाधा डालने की कोशिश की. पिछली बार ऐसा तब हुआ जब हम विरोध स्थल पर बिस्तर ला रहे थे.' उन्होंने कहा, 'हमारा पीछा किया जा रहा है. लोग रिकॉर्डिंग कर रहे हैं और तस्वीरें ले रहे हैं. जब हम उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं तो वे हमारी बात नहीं मानते. कुछ अनजान लोग (महिलाओं) यहां (पहलवानों द्वारा लगाए गए टेंट के अंदर) सोने की भी कोशिश कर रहे थे.'
विनेश ने कहा कि वे अपने प्रदर्शन को जंतर मंतर तक ही सीमित नहीं रखेंगे और अपनी पीड़ा से देश के हर नागरिक को अवगत कराने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा, 'जंतर मंतर पर हमें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे कि हमें एक जगह तक सीमित कर दिया गया है. इसलिए हम जितना अन्य स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे, लोग हमारी स्थिति को बेहतर समझेंगे.' विनेश ने कहा, 'आज हमने कनॉट प्लेस जाने और वहां लोगों से बात करने और न्याय के लिए हमारी लड़ाई में उनका समर्थन मांगने का फैसला किया है. हमने (बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई के लिए) 21 मई की समय सीमा तय की है और अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो इसके बाद हम अपने आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला करेंगे.'
पीटीआई-भाषा