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बिहार का श्यामसुंदर पाकिस्तान की जेल में काटा 17 साल, जानें कैसे लौटा अपने घर... - Shyamsundar of Bihar Returned Home

बिहार के सुपौल का श्यामसुंदर दास (Shyamsundar Das of Supaul) 17 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद था. दीपावली के दिन जब वह अपने घर लौटा तो उसके बुजुर्ग पिता की खुशी का ठीकाना नहीं रहा. ऐसा लगा मानों दुनिया भर की खुशियां मिल गयी हो. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 25, 2022, 9:24 PM IST

सुपौल: मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो पूरे नगर में उस दिन खुशी में घी का दीया जलाकर दीपावली मनायी गयी थी. उसी तरह पाकिस्तान की जेल में 17 साल से बंद बिहार का लाल श्यामसुंदर दास (Shayam Sundar Of Bihar Returned From Pakistan Jail) जब दीपावली के दिन अपने घर पहुंचा तो उसके परिवार वालों की खुशी का ठीकना नहीं रहा. पिता की पथराई आंखों में उम्मीद की किरण जग उठी. आँखों से खुशी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. जिस लापता बेटे को 17 साल से उनकी आंखें ढूंढ रही थी, आज वह उनके सामने था.

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में भारतीय जासूस बना कैद रखे गए चंद्र राम, 18 साल बाद लौटे बिहार

17 साल पहले भटकते हुए पहुंचा पाकिस्तान: जानकारी अनुसार थाना क्षेत्र के भवानीपुर दक्षिण पंचायत वार्ड नंबर 3 निवासी भगवान दास का पुत्र श्यामसुंदर दास रोजी रोटी के लिए वर्ष 2005 में अपने कुछ साथियों के साथ पंजाब गया था. लेकिन वह पांच अन्य साथियों के साथ भटकता हुआ अमृतसर से पाकिस्तान की सीमा लांघ कर पाकिस्तान पहूंच गया. जहां बगैर किसी कागजातों के पकड़े जाने पर पाकिस्तान की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रख लिया.

कागजात नहीं होने के कारण जेल में रहा बंद: उसके साथ पकड़े गये पांच साथियों को पूछताछ और अन्य साक्ष्यों के आधार पर छह माह के बाद पाकिस्तान पुलिस ने रिहा कर भारत भेज दिया था. लेकिन श्यामसुंदर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने पर वह किसी सही बातों की जानकारी नहीं दे पाया. जिस वजह से उसे पाकिस्तान की जेल में 17 वर्षों का बंद रहना पड़ा. पाकिस्तान एम्बेसी ने कई बार इंडियन एम्बेसी से भी श्यामसुंदर के भारतीय होने के सबूत की मांग की. लेकिन उसकी सही ठिकाने की जानकारी न मिलने पर युवक को 17 वर्षों तक जेल काटनी पड़ी. घरवालों को भी इसकी जानकारी नहीं थी.

एक साल पहले पिता को जानकारी मिली: उसके पिता भगवान दास ने बताया कि वर्ष 2021 में परिजन को श्यामसुंदर पाकिस्तान की जेल में होने की खबर लगी. तब से उसके परिजन प्रतापगंज थाना से सम्पर्क कर उसे पाकिस्तान से लाने के लिए मदद करने की गुहार लगाते रहे. उसके पिता भगवान दास ने श्यामसुंदर का भारतीय होने का सारा सबूत पुलिस को उपल्बध कराया. जिसे प्रतापगंज थानाध्यक्ष ने अपने पुलिस कप्तान के माध्यम से गत वर्ष ही भारतीय एम्बेसी को भेजा गया था. उसी आधार पर पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद श्यामसुंदर को 29 सितम्बर 2022 को रिहा कर दिया था.

दीपावली के दिन श्यामसुंदर घर लौटा: इंडियन रेड क्रास सोसायटी ने अमृतसर (पंजाब) स्थित गुरूनानक देव अस्पताल में पंजाब पुलिस की देख रेख में रखा. पंजाब पुलिस ने ही श्यामसुंदर के भारत आने और इलाज हेतु गुरुनानक देव अस्पताल में रखे जाने की सूचना सुपौल पुलिस अधिक्षक को दी. सूचना मिलते ही पुलिस कप्तान के आदेश पर श्याम सुन्दर को पंजाब से लाने के लिए सहायक अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार और सिपाही चम्पू कुमार को प्रतिनियुक्ति कर अमृतसर पंजाब भेजा गया.

जहां से सहायक अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार पंजाब पुलिस से श्यामसुंदर दास को सकुशल लेकर 24 अक्टूबर को दीपावली के दिन प्रतापगंज लेकर पहूंचे. जहां उनके परिजनों को श्यामसुंदर के लाने की सूचना दी गई. सूचना पाते ही परिजन सहित पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुरेश दास, सकलदेव दास आदि थाना पहुंचे. बेटे को देख उसके पिता भगवान दास सहित सभी के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती ने श्यामसुंदर की पहचान करवा उसे उनके परिजनों को सौंप दिया.

यह भी पढ़ें: जिस बेटे का 12 साल पहले कर दिया अंतिम संस्कार, वो 'छवि' पाकिस्तान में अभी जिंदा है...

सुपौल: मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो पूरे नगर में उस दिन खुशी में घी का दीया जलाकर दीपावली मनायी गयी थी. उसी तरह पाकिस्तान की जेल में 17 साल से बंद बिहार का लाल श्यामसुंदर दास (Shayam Sundar Of Bihar Returned From Pakistan Jail) जब दीपावली के दिन अपने घर पहुंचा तो उसके परिवार वालों की खुशी का ठीकना नहीं रहा. पिता की पथराई आंखों में उम्मीद की किरण जग उठी. आँखों से खुशी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. जिस लापता बेटे को 17 साल से उनकी आंखें ढूंढ रही थी, आज वह उनके सामने था.

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17 साल पहले भटकते हुए पहुंचा पाकिस्तान: जानकारी अनुसार थाना क्षेत्र के भवानीपुर दक्षिण पंचायत वार्ड नंबर 3 निवासी भगवान दास का पुत्र श्यामसुंदर दास रोजी रोटी के लिए वर्ष 2005 में अपने कुछ साथियों के साथ पंजाब गया था. लेकिन वह पांच अन्य साथियों के साथ भटकता हुआ अमृतसर से पाकिस्तान की सीमा लांघ कर पाकिस्तान पहूंच गया. जहां बगैर किसी कागजातों के पकड़े जाने पर पाकिस्तान की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रख लिया.

कागजात नहीं होने के कारण जेल में रहा बंद: उसके साथ पकड़े गये पांच साथियों को पूछताछ और अन्य साक्ष्यों के आधार पर छह माह के बाद पाकिस्तान पुलिस ने रिहा कर भारत भेज दिया था. लेकिन श्यामसुंदर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने पर वह किसी सही बातों की जानकारी नहीं दे पाया. जिस वजह से उसे पाकिस्तान की जेल में 17 वर्षों का बंद रहना पड़ा. पाकिस्तान एम्बेसी ने कई बार इंडियन एम्बेसी से भी श्यामसुंदर के भारतीय होने के सबूत की मांग की. लेकिन उसकी सही ठिकाने की जानकारी न मिलने पर युवक को 17 वर्षों तक जेल काटनी पड़ी. घरवालों को भी इसकी जानकारी नहीं थी.

एक साल पहले पिता को जानकारी मिली: उसके पिता भगवान दास ने बताया कि वर्ष 2021 में परिजन को श्यामसुंदर पाकिस्तान की जेल में होने की खबर लगी. तब से उसके परिजन प्रतापगंज थाना से सम्पर्क कर उसे पाकिस्तान से लाने के लिए मदद करने की गुहार लगाते रहे. उसके पिता भगवान दास ने श्यामसुंदर का भारतीय होने का सारा सबूत पुलिस को उपल्बध कराया. जिसे प्रतापगंज थानाध्यक्ष ने अपने पुलिस कप्तान के माध्यम से गत वर्ष ही भारतीय एम्बेसी को भेजा गया था. उसी आधार पर पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद श्यामसुंदर को 29 सितम्बर 2022 को रिहा कर दिया था.

दीपावली के दिन श्यामसुंदर घर लौटा: इंडियन रेड क्रास सोसायटी ने अमृतसर (पंजाब) स्थित गुरूनानक देव अस्पताल में पंजाब पुलिस की देख रेख में रखा. पंजाब पुलिस ने ही श्यामसुंदर के भारत आने और इलाज हेतु गुरुनानक देव अस्पताल में रखे जाने की सूचना सुपौल पुलिस अधिक्षक को दी. सूचना मिलते ही पुलिस कप्तान के आदेश पर श्याम सुन्दर को पंजाब से लाने के लिए सहायक अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार और सिपाही चम्पू कुमार को प्रतिनियुक्ति कर अमृतसर पंजाब भेजा गया.

जहां से सहायक अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार पंजाब पुलिस से श्यामसुंदर दास को सकुशल लेकर 24 अक्टूबर को दीपावली के दिन प्रतापगंज लेकर पहूंचे. जहां उनके परिजनों को श्यामसुंदर के लाने की सूचना दी गई. सूचना पाते ही परिजन सहित पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुरेश दास, सकलदेव दास आदि थाना पहुंचे. बेटे को देख उसके पिता भगवान दास सहित सभी के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती ने श्यामसुंदर की पहचान करवा उसे उनके परिजनों को सौंप दिया.

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