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श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह ने बंगाल में एलएनजी टर्मिनल को दी मंजूरी

श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी) ने पूर्व मेदिनीपुर जिले में हुगली नदी के पास कुकुराहटी में 3,900 करोड़ रुपये की लागत वाली तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल को अपनी मंजूरी दे दी है.

Shyama
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Published : Feb 22, 2021, 8:12 PM IST

कोलकाता : श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी) ने सोमवार को कहा कि उसने पूर्व मेदिनीपुर जिले में हुगली नदी के पास कुकुराहटी में 3,900 करोड़ रुपये की लागत वाली तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल को अपनी मंजूरी दे दी है. अधिकतम 50 लाख टन सालाना क्षमता वाला यह टर्मिनल एलएनजी भंडारण और रि-गैसिफिकेशन के लिए है.

आधिकारिक बयान के अनुसार करीब 6,000 करोड़ रुपये के आर्थिक मूल्य वाली परियोजना सीधे तौर पर करीब 250 लोगों को और परोक्ष रूप से 750 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी. एसएमपी के चेयरमैन विनीत कुमार और हीरानंदानी समूह की कंपनी बंगाल कंसेशन प्राइवेट लि. के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने इस संदर्भ में समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह को पहले कोलकाता बंदरगाह के नाम से जाना जाता था.

बयान में कहा गया है कि परियोजना को पहले ही पर्यावरण मंजूरी मिल गई है और एसएमपी ने आपसी सहमति से तय नियम एवं शर्तों के आधार पर अपनी अनुमति दे दी है. यह परियोजना 38 एकड़ जमीन पर लगेगी जिसे हल्दिया विकास प्राधिकरण से अधिग्रहण किया गया है. परियोजना के जुलाई 2024 तक चालू करने का लक्ष्य है.

यह भी पढ़ें-पीएम का बंगाल दौरा : रेल परियोजनाओं का किया लोकार्पण, ममता को लिया आड़े हाथ

परियोजना के चालू होने के साथ इससे जहाजों और नौकाओं को स्वच्छ ईंधन मिल सकेगा. यह पश्चिम बंगाल और आस-पास के राज्यों की जरूरतों को भी पूरा करेगा.

कोलकाता : श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी) ने सोमवार को कहा कि उसने पूर्व मेदिनीपुर जिले में हुगली नदी के पास कुकुराहटी में 3,900 करोड़ रुपये की लागत वाली तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल को अपनी मंजूरी दे दी है. अधिकतम 50 लाख टन सालाना क्षमता वाला यह टर्मिनल एलएनजी भंडारण और रि-गैसिफिकेशन के लिए है.

आधिकारिक बयान के अनुसार करीब 6,000 करोड़ रुपये के आर्थिक मूल्य वाली परियोजना सीधे तौर पर करीब 250 लोगों को और परोक्ष रूप से 750 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी. एसएमपी के चेयरमैन विनीत कुमार और हीरानंदानी समूह की कंपनी बंगाल कंसेशन प्राइवेट लि. के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने इस संदर्भ में समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह को पहले कोलकाता बंदरगाह के नाम से जाना जाता था.

बयान में कहा गया है कि परियोजना को पहले ही पर्यावरण मंजूरी मिल गई है और एसएमपी ने आपसी सहमति से तय नियम एवं शर्तों के आधार पर अपनी अनुमति दे दी है. यह परियोजना 38 एकड़ जमीन पर लगेगी जिसे हल्दिया विकास प्राधिकरण से अधिग्रहण किया गया है. परियोजना के जुलाई 2024 तक चालू करने का लक्ष्य है.

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परियोजना के चालू होने के साथ इससे जहाजों और नौकाओं को स्वच्छ ईंधन मिल सकेगा. यह पश्चिम बंगाल और आस-पास के राज्यों की जरूरतों को भी पूरा करेगा.

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