इंफाल : मणिपुर के आदिवासी बहुल चुराचांदपुर (Churachandpur) जिले में सोमवार को पूर्ण बंद के कारण सामान्य जनजीवन ठप हो गया. एनआईए और सीबीआई द्वारा इलाके से दो नाबालिगों समेत सात लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में कुकी संगठनों ने बंद का आह्वान किया था.
गिरफ्तार लोगों में इस साल जुलाई में दो मणिपुरी युवकों के अपहरण और हत्या के मामले के संदिग्ध भी शामिल थे. हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर दोनों युवाओं की तस्वीरें प्रसारित होने के कारण इंफाल घाटी में प्रदर्शन बढ़ गए थे, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था.
पुलिस ने बताया कि चूराचांदपुर जिले में बंद के दौरान सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे, जबकि बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं खुले. मणिपुर के मान्यता प्राप्त आदिवासियों के समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम (आईटीएलएफ) ने गिरफ्तारियों के विरोध में सोमवार सुबह 10 बजे से जिले में अनिश्चितकालीन बंद रखा और मांग की कि गिरफ्तार किए गए लोगों को 48 घंटे के भीतर रिहा किया जाए.
चूराचांदपुर के संयुक्त छात्र निकाय (जेएसबी) ने भी सोमवार सुबह छह बजे से जिले में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया. इस साल छह जुलाई को युवक फिजाम हेमनजीत (20) और किशोरी हिजाम लिनथोइंगांबी (17) लापता हो गए थे. उनके शवों की तस्वीरें 25 सितंबर को सामने आईं. इसके बाद छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन भी किया.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा था कि मणिपुर के दो युवाओं के अपहरण और हत्या के मामले में सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और सरकार सुनिश्चित करेगी कि उन्हें अधिकतम सजा मिले.
सिंह ने यह भी बताया था कि एनआईए ने म्यांमार और बांग्लादेश से संचालित आतंकवादी संगठनों के सरगनाओं द्वारा मणिपुर में जारी मौजूदा जातीय संघर्ष का लाभ उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की अंतरराष्ट्रीय साजिश से जुड़े मामले में चूराचांदपुर जिले से शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. पिछले पांच महीने से मणिपुर में जारी हिंसा के कारण 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.