पलामू : स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 नाम की दुर्लभ बीमारी से जूझ रही झारखंड के पलामू की रहने वाली दो साल की सृष्टि रानी को नयी जिंदगी देने के लिए कोल इंडिया आगे आया है. मासूम बच्ची को लगने वाले इंजेक्शन के लिए कंपनी ने 16 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि ने ईटीवी भारत को फोन के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने कोल इंडिया के साथ मीडिया और दूसरे मददगारों को धन्यवाद दिया है.
सृष्टि करीब 10 महीने से वेंटीलेटर पर है और स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है. इलाज के लिए यूएस से इंजेक्शन मंगाया जाना है, जिसकी कीमत 22 करोड़ रुपए है. टैक्स में राहत के बाद इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए हो जाती है. उम्मीद है कि दो से तीन हफ्ते के भीतर सृष्टि को यह इंजेक्शन लग जाएगा.
कोल इंडिया ने की मदद
सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) में काम करते हैं. सृष्टि के चाचा दीपक कुमार ने बताया कि कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद कुमार अग्रवाल की ओर से 16 करोड़ की सहायता राशि की स्वीकृति का पत्र बुधवार को एसईसीएल पहुंचा है. बताया जा रहा है कि किसी एक व्यक्ति के लिए इलाज के लिए यह कंपनी की ओर से अब तक का सबसे बड़ा अनुदान है.
सृष्टि के दादा प्रभु शंकर ने बताया कि सृष्टि का जन्म 22 नवंबर 2019 को हुआ था. दो महीने तक सबकुछ सामान्य था. एक दिन अचानक सृष्टि की तबीयत खराब हो गई. उसके हाथ पैर ने काम करना बंद कर दिया. जून 2020 में उसके पिता बच्ची को लेकर रायपुर के एक न्यूरोलॉजिस्ट के पास पहुंचे. इसके बाद दिसंबर महीने में उसे वेल्लूर ले जाया गया. जहां सृष्टि को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप वन की बीमारी से पीड़ित होने का पता चला.
सृष्टि के इलाज के लिए लोगों ने क्राउड फंडिंग भी की, लेकिन इससे मात्र 40 लाख रुपये ही जुट पाए थे. एसईसीएल के कर्मियों ने भी मदद की गुहार लगाते हुए कंपनी को पत्र लिखा था. इसके बाद एसईसीएल ने कोल इंडिया को प्रस्ताव भेजा, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है. सृष्टि देश की दूसरी बच्ची है, जिसे 16 करोड़ का इंजेक्शन लगेगा. इससे पहले इसी तरह की बीमारी से जूझ रही मुंबई की एक बच्ची तीरा कामथ के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद इंजेक्शन का इंतजाम हुआ था.
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