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शिव महिमा : भगवान शिव को कब्जा हटाने के नोटिस मामले में पूर्व तहसीलदार और कंप्यूटर ऑपरेटर को शो-कॉज

रायगढ़ के कहुआकुंडा क्षेत्र के वार्ड 25 में सरकारी जमीन और तालाब पर कब्जे को लेकर नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 10 लोगों के नाम नोटिस जारी किया (Raigarh Notice to Lord Shiva) था. इन 10 लोगों में भगवान शिव भी शामिल थे.

SHOW CAUSE TO FORMER TEHSILDAR IN NOTICE MATTER TO LORD SHIVA
शिव महिमा : भगवान शिव को कब्जा हटाने के नोटिस मामले में पूर्व तहसीलदार और कंप्यूटर ऑपरेटर को शो-कॉज
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Published : Mar 30, 2022, 8:24 AM IST

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 9 मार्च को तहसीलदार ने सरकारी जमीन और तालाब पर अवैध निर्माण के मामले में दर्जन भर लोगों को नोटिस जारी किया था. इसमें शिव मंदिर के स्वामी भगवान भोलेनाथ को भी नोटिस दिया गया था. इस मामले में प्रभारी तहसीलदार गगन शर्मा ने संशोधित कर फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

टंकण त्रुटिवश शिव मंदिर को जारी हो गया था कारण बताओ नोटिस-तहसीलदार : नवपदस्थापित तहसीलदार रायगढ़ गगन शर्मा ने बताया कि न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ के मामले में 9 मार्च 2022 को जारी कारण बताओ नोटिस टंकण त्रुटिवश शिव मंदिर को जारी हो गया था. प्रकरण में शीघ्र सुनवाई का आवेदन प्राप्त होने पर न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ ने उक्त जारी नोटिस को शिथिल करते हुए पूर्व तहसीलदार शिव कुमार मालाकार पिता लाभोराम और कंप्यूटर ऑपरेटर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

बता दें कि 25 मार्च को तहसील न्यायालय में कौहुकुंडा निवासी जिनको नोटिस जारी किया गया था, वे सब भगवान शिव को ठेले में लेकर तहसील न्यायालय पहुंच गए थे. इस मामले में तहसील कार्यालय की लापरवाही सभी ने देखी और यह पूरा मामला चर्चा का विषय बना रहा. वहीं, पिछले कुछ महीने से तहसील कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों पर जिला अधिवक्ताओं ने खुली लूट करने का आरोप लगाया था. उस मामले की आग आज भी धधक रही है. अधिवक्ता वर्षों से जमे तहसील कार्यालय के तहसीलदार और कर्मचारियों को जिले से बाहर करने की मांग को लेकर आज भी अड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ें- आज की प्रेरणा : क्रोध से मति मारी जाती है और मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है

यह है पूरा मामला

रायगढ़ के कहुआकुंडा क्षेत्र के वार्ड 25 में सरकारी जमीन और तालाब पर कब्जे को लेकर नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 10 लोगों के नाम नोटिस जारी किया (Raigarh Notice to Lord Shiva) था. इन 10 लोगों में भगवान शिव भी शामिल थे. बाबा भोलेनाथ को चेतावनी दी गई थी कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल किया जा सकता है. मामले में अगली पेशी 25 मार्च को हुई. अब बाबा भोलेनाथ तो स्वयं पेशी पर पहुंच नहीं सकते थे. इसलिए सभी 9 कब्जाधारियों ने भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग उखाड़ा और ठेले पर लोड कर तहसील कार्यालय पहुंच गये. लेकिन तहसीलदार के नहीं रहने के कारण एक बार फिर से मामले में तारीख दे दी गई.

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 9 मार्च को तहसीलदार ने सरकारी जमीन और तालाब पर अवैध निर्माण के मामले में दर्जन भर लोगों को नोटिस जारी किया था. इसमें शिव मंदिर के स्वामी भगवान भोलेनाथ को भी नोटिस दिया गया था. इस मामले में प्रभारी तहसीलदार गगन शर्मा ने संशोधित कर फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

टंकण त्रुटिवश शिव मंदिर को जारी हो गया था कारण बताओ नोटिस-तहसीलदार : नवपदस्थापित तहसीलदार रायगढ़ गगन शर्मा ने बताया कि न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ के मामले में 9 मार्च 2022 को जारी कारण बताओ नोटिस टंकण त्रुटिवश शिव मंदिर को जारी हो गया था. प्रकरण में शीघ्र सुनवाई का आवेदन प्राप्त होने पर न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ ने उक्त जारी नोटिस को शिथिल करते हुए पूर्व तहसीलदार शिव कुमार मालाकार पिता लाभोराम और कंप्यूटर ऑपरेटर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

बता दें कि 25 मार्च को तहसील न्यायालय में कौहुकुंडा निवासी जिनको नोटिस जारी किया गया था, वे सब भगवान शिव को ठेले में लेकर तहसील न्यायालय पहुंच गए थे. इस मामले में तहसील कार्यालय की लापरवाही सभी ने देखी और यह पूरा मामला चर्चा का विषय बना रहा. वहीं, पिछले कुछ महीने से तहसील कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों पर जिला अधिवक्ताओं ने खुली लूट करने का आरोप लगाया था. उस मामले की आग आज भी धधक रही है. अधिवक्ता वर्षों से जमे तहसील कार्यालय के तहसीलदार और कर्मचारियों को जिले से बाहर करने की मांग को लेकर आज भी अड़े हुए हैं.

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यह है पूरा मामला

रायगढ़ के कहुआकुंडा क्षेत्र के वार्ड 25 में सरकारी जमीन और तालाब पर कब्जे को लेकर नायब तहसीलदार रायगढ़ ने 10 लोगों के नाम नोटिस जारी किया (Raigarh Notice to Lord Shiva) था. इन 10 लोगों में भगवान शिव भी शामिल थे. बाबा भोलेनाथ को चेतावनी दी गई थी कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल किया जा सकता है. मामले में अगली पेशी 25 मार्च को हुई. अब बाबा भोलेनाथ तो स्वयं पेशी पर पहुंच नहीं सकते थे. इसलिए सभी 9 कब्जाधारियों ने भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग उखाड़ा और ठेले पर लोड कर तहसील कार्यालय पहुंच गये. लेकिन तहसीलदार के नहीं रहने के कारण एक बार फिर से मामले में तारीख दे दी गई.

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