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शोपियां प्रशासन ने कहा: नहीं हुआ पलायन, पंडितों ने लिया कभी न लौटने का संकल्प

मौत की धमकी का सामना करने वाले चौधरीगुंड गांव के निवासी ने हाल ही में बताया कि 35 से 40 कश्मीरी पंडितों वाले दस परिवार डर के कारण गांव से बाहर चले गए हैं. हालांकि शोपियां प्रशासन इससे इनकार कर रहा है.

शोपियां प्रशासन ने कहा
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Published : Oct 27, 2022, 7:14 AM IST

जम्मू/श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अधिकारियों ने कश्मीर पंडितों के पलायन की बात को सिरे से खारिज कर दिया. वहीं दूसरी ओर जम्मू में डेरा डाले इस अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने घाटी में लौटने से इनकार किया है. शोपियां के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक सत्यापित ट्विटर एकाउंट में दावा किया गया कि 'कश्मीरी अप्रवासी हिंदू आबादी' के पलायन की खबरें 'निराधार' हैं. अश्वनी कुमार भट ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि वह पलायन कर चुके हैं और घाटी में कभी नहीं लौटेंगे.

पढ़ें: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी तट से हेरोइन की तस्करी को लेकर चिंता जाहिर की

अश्वनी कुमार भट के भाई पूरन कृष्ण भट की 16 अक्टूबर को आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. अधिकारियों ने ट्विटर पर दावा किया कि प्रशासन द्वारा गांव में उचित और कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. यहां तक कि कश्मीरी अप्रवासी हिंदू बस्तियों और गांवों के अन्य इलाकों में भी इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई है. अश्वनी कुमार भट ने कहा कि हम वहां (श्रीनगर) से चले गए हैं. मैं कभी नहीं लौटूंगा. मैं अपने बच्चों की कसम खाता हूं, मैं अपने जीवन की आखिरी सांस तक नहीं लौटूंगा.

पढ़ें: श्रीनगर में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख इन्फैंट्री दिवस कार्यक्रम में करेंगे शिरकत

अपने बच्चों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि न तो वह कश्मीर लौटेंगे और न ही अपने बच्चों को वहां जाने देंगे. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हाल ही में कई लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के बाद, 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण शोपियां जिले में स्थित अपना गांव छोड़कर मंगलवार को जम्मू पहुंच गए हैं. हाल ही में मौत की धमकी का सामना करने वाले चौधरीगुंड गांव के एक व्यक्ति ने कहा कि 35 से 40 कश्मीरी पंडितों वाले दस परिवार डर के कारण हमारे गांव से बाहर चले गए हैं.

पढ़ें: बढ़ते आतंक की आशंका के बीच शोपियां में कश्मीरी पंडित परिवारों ने गांव छोड़ा

(एक्सट्रा इनपुट पीटीआई-भाषा)

जम्मू/श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अधिकारियों ने कश्मीर पंडितों के पलायन की बात को सिरे से खारिज कर दिया. वहीं दूसरी ओर जम्मू में डेरा डाले इस अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने घाटी में लौटने से इनकार किया है. शोपियां के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक सत्यापित ट्विटर एकाउंट में दावा किया गया कि 'कश्मीरी अप्रवासी हिंदू आबादी' के पलायन की खबरें 'निराधार' हैं. अश्वनी कुमार भट ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि वह पलायन कर चुके हैं और घाटी में कभी नहीं लौटेंगे.

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अश्वनी कुमार भट के भाई पूरन कृष्ण भट की 16 अक्टूबर को आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. अधिकारियों ने ट्विटर पर दावा किया कि प्रशासन द्वारा गांव में उचित और कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. यहां तक कि कश्मीरी अप्रवासी हिंदू बस्तियों और गांवों के अन्य इलाकों में भी इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई है. अश्वनी कुमार भट ने कहा कि हम वहां (श्रीनगर) से चले गए हैं. मैं कभी नहीं लौटूंगा. मैं अपने बच्चों की कसम खाता हूं, मैं अपने जीवन की आखिरी सांस तक नहीं लौटूंगा.

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अपने बच्चों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि न तो वह कश्मीर लौटेंगे और न ही अपने बच्चों को वहां जाने देंगे. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हाल ही में कई लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के बाद, 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण शोपियां जिले में स्थित अपना गांव छोड़कर मंगलवार को जम्मू पहुंच गए हैं. हाल ही में मौत की धमकी का सामना करने वाले चौधरीगुंड गांव के एक व्यक्ति ने कहा कि 35 से 40 कश्मीरी पंडितों वाले दस परिवार डर के कारण हमारे गांव से बाहर चले गए हैं.

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(एक्सट्रा इनपुट पीटीआई-भाषा)

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