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राजस्थान: गुर्जर सभा में हंगामा, पायलट समर्थकों ने मंत्री चांदना और शकुंतला रावत को दिखाए जूते - गुर्जर सभा में हंगामा

राजस्थान के अजमेर जिले में सोमवार को आयोजित गुर्जर सभा के दौरान पायलट समर्थकों ने मंच पर मौजूद पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री (Shoes shown at minister in Bainsla bone immersion) अशोक चांदना का काले कपड़े और जूते दिखाकर विरोध जताया. समर्थक इतने उग्र हो गए कि उन्होंने मंच पर पानी की खाली बोतलें तक फेंकीं.

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Published : Sep 12, 2022, 7:28 PM IST

अजमेर. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सुप्रीमो रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के तहत राजस्थान के अजमेर में हुई गुर्जर (Shoes thrown at minister in Bainsla bone immersion) सभा ने सियासी रंग ले लिया. कार्यक्रम के दौरान पायलट के समर्थन में नारे लगाने से रोका गया था, जिसको लेकर समर्थकों में नाराजगी थी. वहीं मंच पर पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री अशोक चांदना को भी पायलट के समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा. पायलट समर्थकों ने नेताओं को जूते दिखाने के साथ ही काले कपड़े दिखाकर भी विरोध जताया.

पुष्कर में आयोजित गुर्जर सभा में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को समाज के बीच साफा (Ruckus in Bainsla bone immersion Program) पहनाकर विरासत सौंपी गई. इस दौरान पायलट के समर्थन में नारे लगाए गए. जब उन्हें ऐसा करने से रोका गया तो समर्थक भड़क गए. हालांकि पुलिस की गहमागहमी के बाद वे शांत हो गए. लेकिन मामला उस वक्त और गर्म हो गया जब मंच पर पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्य मंत्री अशोक चांदना पहुंचे.

बैंसला अस्थि विसर्जन में मंत्री को दिखाए जूते

चांदना को दिखाए जूते: पायलट समर्थकों ने काले कपड़े दिखाकर मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री अशोक चांदना का विरोध किया. इतना ही नहीं पायलट समर्थकों ने इन नेताओं को जूते भी दिखाए. वहीं पानी की खाली बोतलें भी फेंकी गईं. मंच पर संबोधन करने गए राज्यमंत्री अशोक चांदना को (Shoes shown to Minister Chandna) पायलट समर्थकों ने बोलने ही नहीं दिया. हालांकि विरोध के बीच भी राजस्थान की पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत ने अपना संबोधन जारी रखा. मंत्री रावत ने कर्नल बैंसला के संघर्ष को याद किया. वहीं गुर्जर आंदोलन के दौरान तत्कालीन बीजेपी सरकार में पुलिस की गोली से मारे गए 70 लोगों का जिक्र भी किया.

पढ़ें. कर्नल बैंसला का अस्थि विसर्जन: हजारों समर्थकों के सामने पुत्र विजय को सौंपी गई विरासत, पायलट के समर्थन में लगे नारे

रावत ने करौली सरकारी कॉलेज का नाम कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नाम से करने की घोषणा भी की है. उन्होंने (Shoes thrown at Chandna and Shakuntla Rawat) कहा कि यह सामाजिक सभा है जो कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के लिए रखी गई है. इसको सियासत का रंग नहीं देना चाहिए. जो लोग हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं, उन्हें चैलेंज करती हूं कि वह पार्टी की मीटिंग में आएं.

अस्थियों को किया गया प्रवाहित: हंगामे के बीच कार्यक्रम संपन्न होने के बाद गुर्जर भवन में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की मूर्ति का अनावरण किया गया. सभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी शिरकत की. बाद में पुष्कर के पवित्र सरोवर के गुर्जर घाट पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को प्रवाहित किया गया. अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के दौरान भी सभा में गुर्जर समाज के लोगों में बीच हुए दो धड़ों का असर दिखा. अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में जितने लोगों की उम्मीद की जा रही थी उससे बहुत कम लोग ही पुष्कर सरोवर के घाट पर पहुंचे.

अजमेर. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सुप्रीमो रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के तहत राजस्थान के अजमेर में हुई गुर्जर (Shoes thrown at minister in Bainsla bone immersion) सभा ने सियासी रंग ले लिया. कार्यक्रम के दौरान पायलट के समर्थन में नारे लगाने से रोका गया था, जिसको लेकर समर्थकों में नाराजगी थी. वहीं मंच पर पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री अशोक चांदना को भी पायलट के समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा. पायलट समर्थकों ने नेताओं को जूते दिखाने के साथ ही काले कपड़े दिखाकर भी विरोध जताया.

पुष्कर में आयोजित गुर्जर सभा में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को समाज के बीच साफा (Ruckus in Bainsla bone immersion Program) पहनाकर विरासत सौंपी गई. इस दौरान पायलट के समर्थन में नारे लगाए गए. जब उन्हें ऐसा करने से रोका गया तो समर्थक भड़क गए. हालांकि पुलिस की गहमागहमी के बाद वे शांत हो गए. लेकिन मामला उस वक्त और गर्म हो गया जब मंच पर पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्य मंत्री अशोक चांदना पहुंचे.

बैंसला अस्थि विसर्जन में मंत्री को दिखाए जूते

चांदना को दिखाए जूते: पायलट समर्थकों ने काले कपड़े दिखाकर मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री अशोक चांदना का विरोध किया. इतना ही नहीं पायलट समर्थकों ने इन नेताओं को जूते भी दिखाए. वहीं पानी की खाली बोतलें भी फेंकी गईं. मंच पर संबोधन करने गए राज्यमंत्री अशोक चांदना को (Shoes shown to Minister Chandna) पायलट समर्थकों ने बोलने ही नहीं दिया. हालांकि विरोध के बीच भी राजस्थान की पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत ने अपना संबोधन जारी रखा. मंत्री रावत ने कर्नल बैंसला के संघर्ष को याद किया. वहीं गुर्जर आंदोलन के दौरान तत्कालीन बीजेपी सरकार में पुलिस की गोली से मारे गए 70 लोगों का जिक्र भी किया.

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रावत ने करौली सरकारी कॉलेज का नाम कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नाम से करने की घोषणा भी की है. उन्होंने (Shoes thrown at Chandna and Shakuntla Rawat) कहा कि यह सामाजिक सभा है जो कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के लिए रखी गई है. इसको सियासत का रंग नहीं देना चाहिए. जो लोग हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं, उन्हें चैलेंज करती हूं कि वह पार्टी की मीटिंग में आएं.

अस्थियों को किया गया प्रवाहित: हंगामे के बीच कार्यक्रम संपन्न होने के बाद गुर्जर भवन में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की मूर्ति का अनावरण किया गया. सभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी शिरकत की. बाद में पुष्कर के पवित्र सरोवर के गुर्जर घाट पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को प्रवाहित किया गया. अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के दौरान भी सभा में गुर्जर समाज के लोगों में बीच हुए दो धड़ों का असर दिखा. अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में जितने लोगों की उम्मीद की जा रही थी उससे बहुत कम लोग ही पुष्कर सरोवर के घाट पर पहुंचे.

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