बस्तर/रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण को लेकर चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 20 सीटों पर वोटिंग होगी. इनमें बस्तर की 12 सीटें भी शामिल है. छत्तीसगढ़ चुनाव में वोटिंग की तैयारी को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है. बस्तर में जिन 12 सीटों पर चुनाव होने हैं. उनमें बस्तर के 120 गांव के निवासी आजादी के बाद पहली बार अपने गांव में मतदान करेंगे.
बस्तर के 120 से अधिक गांव में नए मतदान केंद्र : बस्तर के 120 से अधिक गांव में पहली बार वोटिंग सेंटर बनाए गए हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है. जब यहां के ग्रामीण पहली बार अपने गांव में मतदान दे सकेंगे. इस तरह यहां के गांव वाले बुलेट पर बैलेट के जरिए लोकतंत्र की जीत के गवाह बनेंगे.
गांव वाले मतदान को लेकर उत्साहित: इससे पहले यहां जब भी चुनाव होते थे. तब अधिकांश गांव के वोटर्स अपना वोट डालने के लिए दूसरे वोटिंग सेंटर पर जाते थे. जो इनके गांव से करीब 8 से 10 किलोमीटर दूर रहता था. गांव वालों को पहाड़ियों और नालों को पार कर मतदान देने जाना पड़ता था. बस्तर के करीब 120 से अधिक गांवों में नक्सलियों का प्रभाव था. लेकिन माओवादियों के इस गढ़ में पहली बार नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं. यहां सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है. जिससे गांव वाले मतदान को लेकर उत्साहित हैं. सात जिलों वाले बस्तर संभाग में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं. यहां सात नवंबर को वोटिंग होगी.
"सात नवंबर को मतदान के लिए बस्तर क्षेत्र में 126 से अधिक नए मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इनमें से अधिकांश नए मतदान केंद्र अंदरूनी इलाकों में पूर्व नक्सली गढ़ वाले इलाकों में स्थित हैं.ये नए मतदान केंद्र बस्तर क्षेत्र में आने वाली पीढ़ियों को बुलेट पर बैलेट की जीत की कहानी सुनाएंगे. नए मतदान केंद्र बस्तर में बेहतर सुरक्षा की स्थिति और मजबूत होती लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकेत हैं. बस्तर में बीते पांच साल में 65 से अधिक सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. जिससे जमीनी स्तर पर काफी बदलाव आया है.इसलिए यहां नए मतदान केंद्र को स्थापित करने में मदद मिली है ": सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज
इन इलाकों में बनाए गए मतदान केंद्र
- कांकेर: 15
- अंतागढ़: 12
- भानुप्रतापपुर: 5
- कोंटा: 20
- चित्रकोट: 14
- जगदलपुर: 4
- कोंडागांव: 13
- केशकाल: 19
- नारायणपुर: 9
- दंतेवाड़ा: 8
- बीजापुर: 6
चांदामेटा में मतदान केंद्र बनने से लोग खुश: ऐसा ही एक गांव है चांदामेटा यहां पहली बार मतदान केंद्र बनाया गया है. जिससे गांव वाले काफी खुश हैं. चांदामेटा जगदलपुर निर्वाचन क्षेत्र के उन चार गांवों में से एक है. जहां पहली बार मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
"हमें वोट डालने के लिए 8 किलोमीटर दूर छिंदगुर जाना पड़ता था. वहां कोई सड़क नहीं थी. इसलिए कच्चे रास्ते से जाना पड़ता था. सड़क सिर्फ एक साल पहले बनाई गई थी. हम मतदान केंद्र पाकर बहुत खुश हैं. हमारे गांव में हम उसे वोट देंगे जो हमारे विकास के लिए काम करेगा": पालो मरकाम, आदिवासी महिला, चांदामेटा
चांदामेटा इलाका धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. छत्तीसगढ़ ओडिशा की सीमा पर यह तुलसी डोंगरी की पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है.
"पहले हमारे गांव के कई मतदाताओं ने वोट डालने में दिलचस्पी नहीं ली क्योंकि मतदान केंद्र लगभग 8 किमी दूर था और सड़क की कोई सुविधा नहीं थी. इसलिए यहां मतदान केंद्र बन जाने से काफी सहूलियत हो गई है. इस बार पूरा गांव लोकतंत्र के उत्सव में भाग लेने के लिए उत्साहित है": श्याम कवासी, निवासी, चांदामेटा
चांदामेटा गांव में तेजी से हुआ विकास: बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि चांदामेटा गांव में मतदान केंद्र बनने से लोगों में खुशी है. यह गांव अब विकास की मुख्य धारा में जुड़ने की प्रक्रिया में है. यहां 432 लोगों की आबादी है. जिसमें 290 मतदाता हैं. इनमें 148 पुरुष, 142 महिलाएं हैं. जो चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
पहले चरण में बस्तर संभाग के अलावा जिन विधानसभा सीटों पर मतदान होने हैं. उनमें मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी, राजनांदगांव, खैरागढ़ छुईखदान गंडई और कबीरधाम जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.