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शिवपुरी में फिल्म निर्देशक राकेश सरैया का निधन, 80 के दशक में बनाई थी फिल्म 'यातना'

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Published : Jan 25, 2023, 10:45 PM IST

फिल्मी दुनिया में असफलता के चलते गुमनामी की जिंदगी जीने वाले डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राकेश सरैया का आज शिवपुरी के वृद्धाश्रम में बीमारी के बाद निधन हो गया. उनकी मौत की खबर सुनकर पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई. इस समय वह आश्रम में रहकर अजनबी सफर की स्क्रिप्ट लिख रहे थे.

Veteran Film Director Rakesh Saraiya passed away
निर्देशक राकेश सरैया का बीमारी के बाद निधन
निर्देशक राकेश सरैया का बीमारी के बाद निधन

शिवपुरी। जिले का देश भर में नाम रोशन करने वाले और फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान रखने वाले कोलारस नगर के रहने वाले डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राकेश सरैया का शिवपुरी वृद्धाश्रम में कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया. डायरेक्टर एवं प्रोड्यूसर राकेश सरैया द्वारा 80 के दशक में पहली फिल्म यातना बनाई थी. जिसमें मुख्य भूमिका में एक्टर शेखर सुमन और सुप्रिया पाठक सहित शिवपुरी जिले के कलाकार थे.

अजनबी सफर की स्क्रिप्ट लिख रहे थे राकेशः इसी फिल्म से डायरेक्टर राकेश सरैया का फिल्मी सफर शुरू हुआ था. इस फिल्म के सभी कलाकार शूटिंग के लिए शिवपुरी भी आए थे. राकेश सरैया ने मुंबई में रहकर फिल्म सावधान और जैकपॉट दो करोड़ सहित विदेशी फिल्मों में भी डायरेक्शन किया था. इसके साथ ही राकेश डॉक्यूमेंट्री लिखने का काम भी करते थे. फिलहाल राकेश शिवपुरी के वृद्धाश्रम रहकर अजनबी सफर की स्क्रिप्ट लिख रहे थे. राकेश सरैया के माता-पिता शिक्षक थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. एक जमाने में राकेश ने जिले में खूब सुर्खियां बटोरी थी. राकेश ने प्रेम विवाह किया था. फिल्मी दुनिया में राकेश को वो शोहरत हासिल नहीं हो सकी थी, जिसकी उम्मीद लगाकर राकेश ने अपने करियर की शुरुआत की थी. फिल्म जगत में जब राकेश के सितारे नहीं जगमगाए तो उसके बाद उसकी पत्नी राकेश को छोड़कर शादी के कुछ वर्ष बाद ही चली गई थीं.

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डिप्रेशन में चले गए थे सरैयाः वृद्धाश्रम की केयरटेकर राखी सेन ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया की राकेश 9 माह से आश्रम में ही रह रहे थे. राकेश हमेशा कहते रहते थे कि वह वृद्धावस्था पर फिल्म बनाने के लिए वृद्धाश्रम में रहकर बुर्जुगों के जीवन का अनुभव लेकर कहानी लिख रहे थे. जिसका नाम अजनबी सफर था. दुर्भाग्य से राकेश सरैया का ये सफर भी अधूरा रह गया. राकेश के परिचित अशोक अग्रवाल ने बताया कि बीते माह आश्रम में पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने राकेश को पहचान लिया था. राकेश एक होनहार शख्स था. राकेश को पांच भाषाओं का ज्ञान था. राकेश की फिल्म यातना बड़े पर्दे पर आर्थिक तंगी के चलते रिलीज नहीं हो सकी थी. इसके बाद राकेश डिप्रेशन का शिकार हो गए थे और तभी से गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे. उनकी मौत की खबर जैसे ही कोलारस नगर एवं जिले में फैली तो लोगों ने शोक सवेंदना व्यक्त की है.

निर्देशक राकेश सरैया का बीमारी के बाद निधन

शिवपुरी। जिले का देश भर में नाम रोशन करने वाले और फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान रखने वाले कोलारस नगर के रहने वाले डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राकेश सरैया का शिवपुरी वृद्धाश्रम में कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया. डायरेक्टर एवं प्रोड्यूसर राकेश सरैया द्वारा 80 के दशक में पहली फिल्म यातना बनाई थी. जिसमें मुख्य भूमिका में एक्टर शेखर सुमन और सुप्रिया पाठक सहित शिवपुरी जिले के कलाकार थे.

अजनबी सफर की स्क्रिप्ट लिख रहे थे राकेशः इसी फिल्म से डायरेक्टर राकेश सरैया का फिल्मी सफर शुरू हुआ था. इस फिल्म के सभी कलाकार शूटिंग के लिए शिवपुरी भी आए थे. राकेश सरैया ने मुंबई में रहकर फिल्म सावधान और जैकपॉट दो करोड़ सहित विदेशी फिल्मों में भी डायरेक्शन किया था. इसके साथ ही राकेश डॉक्यूमेंट्री लिखने का काम भी करते थे. फिलहाल राकेश शिवपुरी के वृद्धाश्रम रहकर अजनबी सफर की स्क्रिप्ट लिख रहे थे. राकेश सरैया के माता-पिता शिक्षक थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. एक जमाने में राकेश ने जिले में खूब सुर्खियां बटोरी थी. राकेश ने प्रेम विवाह किया था. फिल्मी दुनिया में राकेश को वो शोहरत हासिल नहीं हो सकी थी, जिसकी उम्मीद लगाकर राकेश ने अपने करियर की शुरुआत की थी. फिल्म जगत में जब राकेश के सितारे नहीं जगमगाए तो उसके बाद उसकी पत्नी राकेश को छोड़कर शादी के कुछ वर्ष बाद ही चली गई थीं.

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डिप्रेशन में चले गए थे सरैयाः वृद्धाश्रम की केयरटेकर राखी सेन ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया की राकेश 9 माह से आश्रम में ही रह रहे थे. राकेश हमेशा कहते रहते थे कि वह वृद्धावस्था पर फिल्म बनाने के लिए वृद्धाश्रम में रहकर बुर्जुगों के जीवन का अनुभव लेकर कहानी लिख रहे थे. जिसका नाम अजनबी सफर था. दुर्भाग्य से राकेश सरैया का ये सफर भी अधूरा रह गया. राकेश के परिचित अशोक अग्रवाल ने बताया कि बीते माह आश्रम में पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने राकेश को पहचान लिया था. राकेश एक होनहार शख्स था. राकेश को पांच भाषाओं का ज्ञान था. राकेश की फिल्म यातना बड़े पर्दे पर आर्थिक तंगी के चलते रिलीज नहीं हो सकी थी. इसके बाद राकेश डिप्रेशन का शिकार हो गए थे और तभी से गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे. उनकी मौत की खबर जैसे ही कोलारस नगर एवं जिले में फैली तो लोगों ने शोक सवेंदना व्यक्त की है.

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