लखनऊ : साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल जोर पकड़ने लगी है. पंचायत चुनावों को विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. सत्ता के गलियारों में छोटे दलों को लेकर कई चर्चाएं हैं. ऐसे में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर सुर्खियों में हैं.
हाल के दिनों में इन नेताओं की मुलाकात असदुद्दीन ओवैसी से हुई तो चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए. समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने पारिवारिक झगड़े के बाद जब अपना अलग दल बनाया तो लोगों को संदेह था कि वे संगठन बनाने में कितने कामयाब होंगे.
75 जिलों में खड़ा किया संगठन
शिवपाल सिंह यादव ने पिछले कुछ वर्षों के परिश्रम से न सिर्फ अपनी पार्टी का संगठन खड़ा किया, बल्कि यह बताने में कामयाब रहे कि 2022 के विधानसभा चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमने 75 जिलों में अपनी पार्टी का संगठन तैयार किया है. जिला स्तर पर हमारा संगठन तैयार है. अब हम 403 विधानसभा क्षेत्रों में संगठन बना रहे हैं. इसके बाद प्रत्याशी चयन का काम शेष रह गया है.
सब एक होकर ही भाजपा को हराएं
शिवपाल ने कहा कि हमारा प्रयास है 2022 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सरकार में रहे. निश्चित है कि हम 2022 में सरकार में रहेंगे. इसे देखते हुए विधानसभा क्षेत्रों में संगठन की तैयारी कर ली है. शिवपाल ने कहा कि हमने लगभग एक साल पहले 'गैर भाजपा वाद' का नारा दिया था. अगर भाजपा को हटाना है, तो छोटे-बड़े और समान विचारधारा वाले दलों को एक होना होगा. हमने प्रयास किया है. कई लोगों से बात हुई है. कुछ जगहों से जवाब अभी आया नहीं है.
गठबंधन के लिए जारी है प्रयास
ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि गठबंधन पर कुछ तय नहीं हुआ है. हम अभी पंचायतों के चुनाव चल रहे हैं. चुनावों के बाद ही हम इस पर कुछ फैसला करेंगे. जब चुनाव होंगे तो तब यह देखेंगे और इस पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि हम गठबंधन करना चाहेंगे. हमने गठबंधन के लिए कई बार प्रयास भी किया है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है. मैं मानता हूं कि हम मिलकर ही भाजपा को सत्ता से हटा सकते हैं.
नेताजी के साथ आंदोलन में शामिल
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमारी यह पार्टी है अभी नई है. वैसे तो हमने समाजवादी पार्टी में काफी काम किया है. नेताजी मुलायम सिंह से लेकर कई बड़े नेताओं के साथ काम किया. वह विचारों की पार्टी थी और एक आंदोलन था. इस पर सब लोग चलें तभी बात बनेगी. हमने नेताजी के साथ काम किया है. इसलिए सोचा था कि एलायंस हो लेकिन नहीं हुआ तो अन्य विकल्प ढूंढ़ेगे.
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पारिवारिक एकता के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि एकता हो जाए. परिवार में कोई झगड़ा नहीं है लेकिन महाभारत क्यों हुआ था? शकुनी था उसमें. जब परिवार में शकुनी जैसे लोग पैदा हो जाएं तो एकता नहीं होती. ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए. आज भी नुकसान मेरा नहीं हुआ है. हमें तो कई पार्टियों के ऑफर मिले लेकिन हमने किसी को स्वीकार नहीं किया.