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Shivling made from Rudraksh: कर्नाटक के मैसूर में 5 लाख रुद्राक्ष से बना 21 फीट ऊंचा शिवलिंग

महााशिवरात्रि 2023 पर्व के मौके पर कर्नाटक में ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय मैसूर में रुद्राक्ष की मालाओं से 21 फीट ऊंचा शिवलिंग तैयार किया गया है. शिवलिंग को आज भक्तों के दर्शन के लिए खोला गया है. इस शिवलिंग को बनाने में एक हफ्ते से ज्यादा का समय लगा.

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Published : Feb 18, 2023, 7:57 AM IST

Shivling made up of rudraksha beads
रुद्राक्ष की माला से बना शिवलिंग

मैसूर (कर्नाटक): पूरे देश में आज महाशिवरात्रि 2023 की धूम है. इस मौके पर ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय द्वारा मैसूर के ललित महल मैदान में 5,16,108 रुद्राक्ष की माला से 21 फीट ऊंचे शिवलिंग का 3डी मॉडल बनाया गया है. भक्तों के दर्शन के लिए एक विशेष शिवलिंग खुला है. शिवलिंग के चारों ओर बर्फ से ढका कैलाश पर्वत (पर्वत) बना हुआ है. इसके लिए पीओपी, लकड़ी की छड़ी का इस्तेमाल किया गया है. शिवलिंग के निर्माण के लिए 50 से अधिक लोगों ने एक सप्ताह से अधिक समय तक काम किया.

द्वादश लिंगम के मॉडल को प्रतिष्ठापित किया गया है. लोग शिवरात्रि के दौरान हिमालय, केदारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर जाते हैं. ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के आयोजक बीके रंगनाथ ने कहा कि गरीब और जो लोग तीर्थ स्थानों पर नहीं जा सकते, वे यहां आकर शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं. मैसूर में 22 फरवरी तक सभी के लिए फ्री एंट्री होगी.

आपको बता दें महाशिवरात्रि 2023 का पावन पर्व माता गौरी और भगवान शंकर की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है और लोग उपवास रखकर पूरे दिन धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. महाशिवरात्रि का यह पर्व फाल्गुन माक के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बनाया जाता है.

मैसूर (कर्नाटक): पूरे देश में आज महाशिवरात्रि 2023 की धूम है. इस मौके पर ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय द्वारा मैसूर के ललित महल मैदान में 5,16,108 रुद्राक्ष की माला से 21 फीट ऊंचे शिवलिंग का 3डी मॉडल बनाया गया है. भक्तों के दर्शन के लिए एक विशेष शिवलिंग खुला है. शिवलिंग के चारों ओर बर्फ से ढका कैलाश पर्वत (पर्वत) बना हुआ है. इसके लिए पीओपी, लकड़ी की छड़ी का इस्तेमाल किया गया है. शिवलिंग के निर्माण के लिए 50 से अधिक लोगों ने एक सप्ताह से अधिक समय तक काम किया.

द्वादश लिंगम के मॉडल को प्रतिष्ठापित किया गया है. लोग शिवरात्रि के दौरान हिमालय, केदारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर जाते हैं. ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के आयोजक बीके रंगनाथ ने कहा कि गरीब और जो लोग तीर्थ स्थानों पर नहीं जा सकते, वे यहां आकर शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं. मैसूर में 22 फरवरी तक सभी के लिए फ्री एंट्री होगी.

आपको बता दें महाशिवरात्रि 2023 का पावन पर्व माता गौरी और भगवान शंकर की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है और लोग उपवास रखकर पूरे दिन धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. महाशिवरात्रि का यह पर्व फाल्गुन माक के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बनाया जाता है.

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