मुंबई : शिवसेना ने बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे किसी वहम में नहीं रहना चाहिए कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिरा सकती है.
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में, शिवसेना ने यह भी आरोप लगाया कि ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी सरकारी एजेंसियों का तेजी से पतन हो रहा है.
ईडी ने शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 4,300 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है. हालांकि, वह मंगलवार को ईडी के समक्ष पेश नहीं हुईं.
भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के उस बयान पर तंज कसते हुए कि ईडी एक गैर-राजनीतिक संस्थान है और संविधान के अनुसार काम करता है, शिवसेना ने कहा 'पाटिल ने पूछा है कि क्या संजय राउत संविधान में विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन हम पूछना चाहते हैं कि पाटिल भला कब से संविधान को लेकर इतना चिंतित होने लगे.'
पार्टी ने कहा, 'संविधान को लेकर राज्यपाल से सवाल पूछें. राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद की बारह सीटें जून में खाली हुई हैं और कैबिनेट की सिफारिशों के बावजूद सीटें नहीं भरी जा रही हैं. 'सामना में कहा गया, '2020 में, उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने की सभी कोशिशें नाकाम रहीं. राज्यपाल की इच्छा वाली सरकारें अगले 25 साल भी नहीं बनने वाली.'
इसमें कहा गया, 'भाजपा को इस गलतफहमी से बाहर आना चाहिए कि वह ईडी का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र सरकार को गिरा सकती है. भाजपा को छोड़ने के बाद एकनाथ खडसे को ईडी का नोटिस मिलता है. टीडीपी सांसदों पर ईडी के छापे के बाद, वे भाजपा में शामिल हो गए. 'हाल ही में राकांपा में शामिल होने वाले खड़से को ईडी ने पुणे के भोसरी इलाके में एक भूमि सौदे से जुड़े धन-शोधन के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है.
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पिछले महीने ईडी ने धन शोधन मामले में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक के ठिकानों पर छापा मारा था.