मुंबई : शिवसेना के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों धड़े सोमवार को यहां अलग-अलग समारोहों में पार्टी का स्थापना दिवस मनाएंगे. राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में कॅरियर शुरू करने वाले बाल ठाकरे ने 19 जून, 1966 को शिवसेना की स्थापना की थी और उन्होंने ‘मराठी मानुष’ को अपनी राजनीति का आधार बनाया था. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तथा मुंबई में काफी समय से लंबित नगर निगम चुनाव से पहले शिवसेना के दोनों ही धड़े दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत के असल उत्तराधिकारी होने का दावा कर रहे हैं.
शिंदे और 39 अन्य शिवसेना विधायकों के महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पिछले साल जून में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिंदे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से मुख्यमंत्री बने और भारत निर्वाचन आयोग ने उनके धड़े को मूल पार्टी का नाम और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित किया, जबकि ठाकरे के धड़े को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया.
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शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना उत्तर पश्चिमी मुंबई में गोरेगांव के नेस्को मैदान में कार्यक्रम का आयोजन करेगी, जबकि शिवसेना (यूबीटी) मध्य मुंबई में सायन के शणमुखानंद हॉल में अपना कार्यक्रम करेगी. मुख्यमंत्री शिंदे के पुत्र एवं शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्थापना दिवस कार्यक्रम में पूरे महाराष्ट्र से पार्टी कार्यकर्ता आएंगे. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है.
राकांपा का गद्दार दिवस : इधर, राकांपा 20 जून को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में हुई बगावत की पहली बरसी को 'गद्दार दिवस' के रूप में मनाएगी. शिवसेना में बगावत के बाद महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार जून 2022 को गिर गई थी. एमवीए में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस घटक हैं. राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से शिवसेना के बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया. उन्होंने शनिवार को कहा, 'राकांपा कार्यकर्ताओं को सांकेतिक रूप से 'खोका' (रुपयों से भरे बक्से) दिखाकर पूरी ताकत से प्रदर्शन आयोजित करना चाहिए, जिसके आधार पर एकनाथ शिंदे सरकार सत्ता में आई है.'
पाटिल ने राकांपा कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे जनता को बताएं कि शिंदे शिविर की खुशी क्षणिक है जिसके गुट को निर्वाचन आयोग ने वास्तविक शिवसेना करार दिया है और इस सरकार के गिने-चुने दिन बचे हैं. शरद पवार नीत पार्टी ने इससे पहले जनसभाएं आयोजित की थीं, जिनमें महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले और कैसे विधानसभाध्यक्ष राहुल नारवेकर 16 विधायकों को अयोग्य करार देने के कर्तव्य से बंधे हुए थे, की जानकारी दी थी.
(पीटीआई-भाषा)