मुंबई : शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके समेत 16 बागी विधायकों के आवासों पर दी गई सुरक्षा वापस ले ली है और इसको ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ करार दिया है. बता दें कि शिंदे वर्तमान में बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हैं, ने 16 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र ट्वीट किया, जो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को संबोधित है. हालांकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने उनके आरोप को सिरे से नकार दिया है. साथ ही कहा किसी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली गई है. गृह विभाग ने मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए विधायकों के परिवारों की सुरक्षा के लिए उनके आवास पर सुरक्षा मुहैया कराने का निर्णय लिया है.
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No MLA's security has been withdrawn. Keeping in view the prevailing situation, the Home Department has decided to provide security at the residence of MLAs to keep their families safe: Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil pic.twitter.com/3xdvclGNBX
— ANI (@ANI) June 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 25, 2022No MLA's security has been withdrawn. Keeping in view the prevailing situation, the Home Department has decided to provide security at the residence of MLAs to keep their families safe: Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil pic.twitter.com/3xdvclGNBX
— ANI (@ANI) June 25, 2022
पत्र में विधायकों ने कहा कि यदि उनके परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान होता है सीएम ठाकरे और सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेता जिम्मेदार होंगे. अपने ट्वीट में शिंदे ने आरोप लगाया कि 16 बागी विधायकों दी गई सुरक्षा कवर ठाकरे और वाल्से पाटिल के आदेश पर "राजनीतिक प्रतिशोध" के कारण वापस ले लिया गया.
उन्होंने कहा, ''इन विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. उन्होंने पत्र में मांग की है कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए. यदि किसी तरह का नुकसान होता है तो एमवीए- शरद पवार, संजय राउत और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे. यह सुरक्षा कवर जो उनके निवास पर और साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को प्रोटोकॉल के तहत दिया गया था. राजनीतिक बदले की कार्रवाई के रूप में अवैध और गैरकानूनी रूप से वापस ले लिया गया है. एमवीए सरकार बहुमत के बाद राजनीतिक संकट का सामना कर रही है. शिवसेना के विधायकों ने शिंदे के प्रति अपनी वफादारी दिखाई है और गुवाहाटी में शिंदे के नेतृत्व में डटे हैं.
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पीटीआई