शिमला: 14 अगस्त की सुबह शिमला के शिव बाड़ी मंदिर में हुए लैंडस्लाइड में कई लोगों की जान चली गई. इस आपदा ने कई परिवारों को कभी नहीं भरने वाले जख्म दिए हैं. समरहिल लैंडस्लाइड में अपनों को गंवाने वाले परिवारों की आंखे नम हैं. इन्हीं पीड़ितों में सुनीता शर्मा का भी परिवार शामिल हैं. जिनके परिवार की तीन पीढ़ियों के 7 सदस्य इस आपदा में जिंदा दफन हो गए. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के अधिकारियों के अनुसार लैंडस्लाइड की जद में आने से जब शिव मंदिर ढहा था, तब तीन बच्चों सहित परिवार के सात सदस्य अंदर ही थे. इन सात लोगों में से 5 के शव रेस्क्यू किए जा चुके हैं. जबकि दो की तलाश जारी है.
एक परिवार की तीन पीढ़ी मलबे में दफन: सुनीता शर्मा के परिवार में जिन 5 सदस्यों का शव मिला है. उनकी पहचान पवन शर्मा, उनकी पत्नी संतोष, बेटा अमन, बहू अर्चना और तीन पोतियों के रूप में हुई. एसडीआरएफ के अनुसार परिवार के पांच लोगों का शव रेस्क्यू कर लिया गया है. जबकि दो लोगों की तलाश जारी है. वहीं, अपनों के जाने के गम में पूरी तरह टूट चुकी सुनीता शर्मा का रो-रो कर बुरा है. सुनीता ने कहा मेरी बस एक ही विनती है कि मेरे परिवार के सदस्यों को ढूंढकर हमारे पास ला दो. उन्हें हम जिंदा या मुर्दा स्वीकार कर लेंगे. सुनीता ने कहा हम पिछले तीन दिन से अपनों का इंतजार कर रहे हैं.
भाई के इंतजार में सुनेधी का रो-रोकर बुरा हाल: इस हादसे में लापता अपनों के मिलने की इंतजार में सुनेधी की आंखे पथरा गई है. सुनेधी अपनों को याद कर फबक उठती हैं और उनकी आंखों से गम आंसु बनकर छलक जाते हैं. सुनेधी करूण स्वर में कहती है कि हमें नहीं पता कि भगवान ने हमारे साथ क्या किया ? इस हादसे में मेरा भाई लापता है. उन्होंने कहा सरकार और प्रशासन को ऐसी जगहों को सुरक्षित बनाने की जरुरत है. इन क्षेत्रों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे बाढ़ आने पर पानी तुरंत कम हो जाए. वहीं, उनके पड़ोसी मेहर सिंह एच वर्मा ने बताया कि बीते दिन उन्होंने एक ही परिवार के चार सदस्यों का अंतिम संस्कार किया है. सुनीता शर्मा के परिवार ने इस आपदा में अपनी तीन पीढ़ियों के सात सदस्यों को खो दिया है.
शिव बाड़ी मंदिर हादसा ने दिए कईयों को जख्म: बता दें कि 14 अगस्त को सावन माह का अंतिम सोमवार होने के चलते सुबह के समय बड़ी संख्या में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं समरहिल स्थित शिव बाड़ी मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे थे. इस दौरान सुबह करीब साढ़े सात बजे बादल फटने और समरहिल की पहाड़ी में लैंडस्लाइड होने से, इसकी जद में शिव मंदिर आ गया. हादसा इतना भीषण था कि पलक झपकते ही मंदिर मलबा में दब गया और वहां मौजूद सभी लोग जिंदा दफन हो गए. पिछले तीन दिनों से मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक मंदिर पुजारी सहित 13 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. जबकि हादसे के समय मंदिर में 20 से 25 लोग बताए जा रहे थे. अन्य लोगों की तलाश जारी है.
(ANI इनपुट)