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पुस्तक से मौलाना आजाद का उल्लेख हटाना देश के लिए शर्मनाक: शशि थरूर

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Published : Apr 14, 2023, 2:21 PM IST

एनसीईआरटी की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से मौलाना अबुल कलाम आजाद का उल्लेख हटाए जाने पर शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि पुस्तक से मौलाना आजाद का उल्लेख हटाना देश के लिए शर्मनाक है.

Maulana Abul Kalam Azad
शशि थरूर

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद का उल्लेख हटाए जाने को शुक्रवार को देश के लिए ‘शर्मनाक’ बताया और कहा कि यह हमारे विविध लोकतंत्र और इसके गौरवशाली इतिहास के लिए पूरी तरह से अनुचित है.

उन्होंने ट्वीट किया, 'कितनी शर्मिंदगी की बात है! मुझे इस बात में कोई आपत्ति नहीं है कि उन व्यक्तित्वों को ऐतिहासिक विमर्श में शामिल किया जाए, जिनका पहले उल्लेख नहीं हो पाया था, लेकिन गलत कारणों से लोगों का उल्लेख मिटाना हमारे विविध लोकतंत्र और इसके गौरवशाली इतिहास के लिए पूरी तरह से अनुचित है.'

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के उल्लेख को हटा दिया गया है. पिछले वर्ष पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और कुछ अंशों के अप्रसांगिक होने के आधार पर एनसीईआरटी ने गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन आदि कुछ अंशों को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया था.

ये भी पढ़ें- NCRT पाठ्यक्रम से मुगल साम्राज्य के अध्याय को हटाना निंदनीय और विवादास्पद- महमूद असद मदनी

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया है. शैक्षिक सत्र 2023-24 में 12वीं में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताब में से मुगल चैप्टर हटा दिया गया है. इसके अलावा 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति, समय की शुरुआत पाठ हटाए गए हैं.यूपी सरकार का यह फैसला शैक्षिक सत्र 2023-24 से लागू किया जा रहा है. इतिहास की किताब के अलावा अन्य विषयों में भी ये बदलाव देखने को मिला है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद का उल्लेख हटाए जाने को शुक्रवार को देश के लिए ‘शर्मनाक’ बताया और कहा कि यह हमारे विविध लोकतंत्र और इसके गौरवशाली इतिहास के लिए पूरी तरह से अनुचित है.

उन्होंने ट्वीट किया, 'कितनी शर्मिंदगी की बात है! मुझे इस बात में कोई आपत्ति नहीं है कि उन व्यक्तित्वों को ऐतिहासिक विमर्श में शामिल किया जाए, जिनका पहले उल्लेख नहीं हो पाया था, लेकिन गलत कारणों से लोगों का उल्लेख मिटाना हमारे विविध लोकतंत्र और इसके गौरवशाली इतिहास के लिए पूरी तरह से अनुचित है.'

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के उल्लेख को हटा दिया गया है. पिछले वर्ष पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और कुछ अंशों के अप्रसांगिक होने के आधार पर एनसीईआरटी ने गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन आदि कुछ अंशों को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया था.

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वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया है. शैक्षिक सत्र 2023-24 में 12वीं में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की किताब में से मुगल चैप्टर हटा दिया गया है. इसके अलावा 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति, समय की शुरुआत पाठ हटाए गए हैं.यूपी सरकार का यह फैसला शैक्षिक सत्र 2023-24 से लागू किया जा रहा है. इतिहास की किताब के अलावा अन्य विषयों में भी ये बदलाव देखने को मिला है.

(पीटीआई-भाषा)

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