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Sharad Pawar : शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का किया ऐलान, नेताओं ने किया विरोध - शरद पवार एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ेंगे

शरद पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद से हटने का ऐलान कर दिया. उनकी इस घोषणा का पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है. उन्होंने अपील की है कि वे अपनी घोषणा वापस लें.

sharad Pawar
शरद पवार
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Published : May 2, 2023, 1:02 PM IST

Updated : May 2, 2023, 1:43 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में उस समय हलचल मच गई, जब नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा कर दी. पवार ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व किया है, इसलिए अब समय आ गया है कि पार्टी नए नेतृत्व पर विचार करे. इस ऐलान के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने पवार से अपना निर्णय बदलने का आग्रह किया.

पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने इसी बैठक में कहा कि जनता के हित में आप अपने फैसले पर दोबारा विचार करें. वैसे, सूत्रों का कहना है कि पवार ने यह फैसला एनसीपी की गुटबंदी के कारण लिया है. पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रहीं थीं कि एनसीपी का एक धड़ा भाजपा के साथ जाना चाहता है. इस धड़े में अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता शामिल हैं. इन नेताओं का दावा कि पार्टी के विधायक ऐसा चाहते हैं. वहीं दूसरा धड़ा चाहता है कि एनसीपी कांग्रेस और उद्धव गुट के साथ रहे. यह धड़ा यह भी मानता है कि पार्टी को किसी भी तरह से एमवीए का हिस्सा बना रहना चाहिए. खुद पवार भी चाहते हैं कि वे भाजपा से गठबंधन नहीं करें.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार ने बहुत ही सोच समझकर यह फैसला लिया है. वह चाहते हैं कि उनकी पार्टी की स्थिति शिवसेना जैसी न हो, यानी उद्धव के कमजोर होते ही उनकी पार्टी पर किसी और का कब्जा हो गया. पवार यह भी देखना चाहते हैं कि आगे का रास्ता पार्टी किस तरह से तय करती है, वह इसे करीब से देखेंगे. किस नेता का क्या पक्ष होगा, उनकी क्या राय होगी, इसे देखने के बाद ही वह अगला कदम उठाएंगे.

एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि आप पार्टी में जिस भी तरह का बदलाव करना चाहते हैं, आप कीजिए, लेकिन आप मान जाइए. वे भाषण देते-देते भावुक हो उठे. पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने भी पवार ने ऐसा ही अनुरोध किया. पवार ने हालांकि, एक साल पहले ही यह घोषणा की थी कि वह एनसीपी प्रमुख के पद पर बने रहेंगे. पार्टी संविधान के अनुसार अध्यक्ष पद पांच साल के लिए होता है. इस हिसाब से अभी पवार का कार्यकाल बचा हुआ है.

दरअसल, एनसीपी की बैठक में जो भी कुछ हो रहा है, वह सीधे तौर पर मीडिया में दिखाई जा रही हैं. और मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पवार यही चाहते थे. अब क्योंकि सभी नेताओं ने एक-एक करके पवार से आग्रह किया है कि वे पार्टी का नेतृत्व करते रहें और जिस भी तरह का वह परिवर्तन करना चाहते हैं करें, इसलिए पवार के लिए आसान होगा आगे की स्थिति को संभालना.

ये भी पढ़ें : Maharashtra politics : 2024 के चुनाव से पहले MVA गठबंधन को लेकर पवार का बड़ा बयान, कहा-अभी से कैसे बता सकता हूं

मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में उस समय हलचल मच गई, जब नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा कर दी. पवार ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व किया है, इसलिए अब समय आ गया है कि पार्टी नए नेतृत्व पर विचार करे. इस ऐलान के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने पवार से अपना निर्णय बदलने का आग्रह किया.

पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने इसी बैठक में कहा कि जनता के हित में आप अपने फैसले पर दोबारा विचार करें. वैसे, सूत्रों का कहना है कि पवार ने यह फैसला एनसीपी की गुटबंदी के कारण लिया है. पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रहीं थीं कि एनसीपी का एक धड़ा भाजपा के साथ जाना चाहता है. इस धड़े में अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता शामिल हैं. इन नेताओं का दावा कि पार्टी के विधायक ऐसा चाहते हैं. वहीं दूसरा धड़ा चाहता है कि एनसीपी कांग्रेस और उद्धव गुट के साथ रहे. यह धड़ा यह भी मानता है कि पार्टी को किसी भी तरह से एमवीए का हिस्सा बना रहना चाहिए. खुद पवार भी चाहते हैं कि वे भाजपा से गठबंधन नहीं करें.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार ने बहुत ही सोच समझकर यह फैसला लिया है. वह चाहते हैं कि उनकी पार्टी की स्थिति शिवसेना जैसी न हो, यानी उद्धव के कमजोर होते ही उनकी पार्टी पर किसी और का कब्जा हो गया. पवार यह भी देखना चाहते हैं कि आगे का रास्ता पार्टी किस तरह से तय करती है, वह इसे करीब से देखेंगे. किस नेता का क्या पक्ष होगा, उनकी क्या राय होगी, इसे देखने के बाद ही वह अगला कदम उठाएंगे.

एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि आप पार्टी में जिस भी तरह का बदलाव करना चाहते हैं, आप कीजिए, लेकिन आप मान जाइए. वे भाषण देते-देते भावुक हो उठे. पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने भी पवार ने ऐसा ही अनुरोध किया. पवार ने हालांकि, एक साल पहले ही यह घोषणा की थी कि वह एनसीपी प्रमुख के पद पर बने रहेंगे. पार्टी संविधान के अनुसार अध्यक्ष पद पांच साल के लिए होता है. इस हिसाब से अभी पवार का कार्यकाल बचा हुआ है.

दरअसल, एनसीपी की बैठक में जो भी कुछ हो रहा है, वह सीधे तौर पर मीडिया में दिखाई जा रही हैं. और मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पवार यही चाहते थे. अब क्योंकि सभी नेताओं ने एक-एक करके पवार से आग्रह किया है कि वे पार्टी का नेतृत्व करते रहें और जिस भी तरह का वह परिवर्तन करना चाहते हैं करें, इसलिए पवार के लिए आसान होगा आगे की स्थिति को संभालना.

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Last Updated : May 2, 2023, 1:43 PM IST
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