नई दिल्ली: एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP supremo Sharad Pawar) अडाणी मुद्दे पर एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग को लेकर अलग आवाज उठाते हैं, लेकिन भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम (CPI MP Binoy Viswam) ने कहा कि सभी विपक्षी दल मोदी-अडाणी घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए दृढ़ हैं. जेपीसी जांच का विरोध करने वाले शरद पवार के बयान पर विश्वम ने ईटीवी भारत से कहा कि शरद पवार अपना दृष्टिकोण दे सकते हैं लेकिन हम एकजुट हैं और और हम अडाणी मुद्दे पर जेपीसी जांच चाहते हैं.
विश्वम ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा शुरू की गई जांच मामले में कानूनी दृष्टिकोण का पता लगा सकती है लेकिन एक जेपीसी जांच निश्चित रूप से गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सांठगांठ को उजागर करेगी. विश्वम ने दोहराया कि सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और जेपीसी जांच के रुख पर कोई मतभेद नहीं है. विश्वम ने कहा, एनसीपी पूरी तरह से हमारे साथ है और हम सभी इस सांठगांठ का पता लगाने के लिए जांच चाहते हैं.
बता दें कि एनसीपी सुप्रीमो पवार शुक्रवार को अडाणी के समर्थन में खुलकर सामने आए और कहा कि ऐसा लगता है कि देश के एक व्यक्तिगत औद्योगिक समूह को निशाना बनाया गया. लेकिन हमें देश के प्रति उनके योगदान को देखना होगा. अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो जांच होनी चाहिए. पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा शुरू की गई जांच सच्चाई का पता लगाने के लिए काफी है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद जेपीसी जांच के लिए विपक्ष की मांग ने बजट सत्र के पूरे दूसरे चरण में हंगामा किया था इस वजह से सत्र में कोई काम नहीं हो सका था.
दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे ने लगभग 20 दलों को भाजपा के खिलाफ एक साथ ला दिया. लेकिन इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, जेपीसी जांच को दरकिनार करने का पवार का बयान विपक्षी एकता में अंतर को उजागर कर सकता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने हालांकि कहा कि सुप्रीम कोर्ट की समिति के संदर्भ की शर्तें बहुत सीमित हैं. यह पीएम और अडाणी के गहरे गठजोड़ को सामने नहीं ला सकता. रमेश ने कहा, केवल एक जेपीसी ही एचएएचके (हम अडाणी के हैं कौन) श्रृंखला के 100 क्यूएन और उससे अधिक के उत्तर पा सकती है जो उभर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1992 और 2001 में जेपीसी दोनों सार्थक अभ्यास रहे थे. उन्होंने कहा कि राकांपा का अपना मत हो सकता है लेकिन अडाणी-मोदी मुद्दे पर 19 समान विचारधारा वाली पार्टियां साथ हैं. वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद एसटी हसन ने भी यही विचार रखते हुए कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट है और वे तब तक अपनी मांग उठाते रहेंगे जब तक कि सरकार जेपीसी की उनकी मांग पर सहमत नहीं हो जाती.
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