मुंबई : पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लिखे गए पत्र के बाद अनिल देशमुख को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा कि वाजे और देशमुख की मुलाकात की जो बात कही गई है, इसमें यह महत्वपूर्ण है कि देशमुख फरवरी में अस्पताल में थे. जानिए इस पूरे मामले पर पवार का क्या कहना है...
सवाल : पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लिखे गए पत्र के बाद अनिल देशमुख का भविष्य क्या होगा?
जवाब : पूर्व कमिश्नर द्वारा गृहमंत्री देशमुख पर लगाए गए आरोपों पर मैं एक बात साफ करना चाहता हूं, पूर्व कमिश्नर ने पत्र में लिखा कि फरवरी में वाजे को गृह मंत्री से वसूली के आदेश मिले थे, पर 5 से 15 फरवरी के बीच कोरोना से संक्रमित होने के कारण देशमुख नागपुर अस्पताल में थे. उन्होंने कहा, देशमुख के अस्पताल में होने के रिकॉर्ड्स हैं. इसके बाद 16 से 27 फरवरी तक वे घर में क्वारंटाइन थे. इस मामले को भटकाया जा रहा है. इसलिए उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं.
सवाल : इस मामले को लेकर पूर्व पुलिस कमिश्नर ने देशमुख को ब्रिफ किया था, साथ ही आपको भी इस मामले की जानकारी दी गई थी. क्या आपने देशमुख से इस मामले में जानकारी ली थी?
जवाब : पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर ने इस मामले की जानकारी मुझे दी थी, लेकिन जिन तारीखों का जिक्र पत्र में है वे सही नहीं है और जो जानकारी आज हमारे पास है उसमें बहुत फर्क है. इसलिए देशमुख के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है.
सवाल : क्या यह पूरा मामला सियासी साजिश का है, क्योंकि महाराष्ट्र आगड़ी सरकार मोदी सरकार के लिए चुनौती है?
जवाब : यह विपक्ष के नेता का काम है. इस पर मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता.
सवाल : मुख्य जांच को भटकाने की कोशिश की जा रही है, परमबीर किसके कहने पर ये कर रहे हैं?
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जवाब : यह मैं नहीं जानता, क्योंकि मेरे पास कोई ऑथेंटिक जानकारी नहीं है. मैं तब तक इसका जवाब नहीं दे सकता जब तक कोई ठेस जानकारी नहीं मिलती.
सवाल : 15 फरवरी के बाद देशमुख को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. क्या अपको भरोसा है की 16 फरवरी के बाद देशमुख वाजे से नहीं मिले होंगे?
जवाब : मुलाकात हुई या नहीं ये मैं नहीं जानता, लेकिन जो आरोप लगाए गए उसका समय, तारीख सब अलग है. दूसरी बात मुख्य मुद्दा कुछ और है. मुद्दा ये है कि जो वस्तु अंबानी के घर के बाहर रखी गई, वो किसने रखी. कौन लोग इसमें मिले हुए थे.
सवाल : देशमुख के गृह मंत्री रहते फ्री और फेयर जांच कैसे हो सकती है?
जवाब : एक बात तो साफ है कि जिस समय आरोप लगाए गए हैं, उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में थे. देशमुख को हटाए जाने की मांग का कोई औचित्य नहीं है.
सवाल : देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे यह तय है?
जवाब : लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं है. यह बात साफ है कि वे उस समय मुंबई में नहीं थे, नागपुर में थे, तो क्यों इस्तीफा दें. इस पर क्यों सवाल उठाएं.