नई दिल्ली: एनसीपी के युद्धरत गुटों पर चुनाव आयोग की सुनवाई से एक दिन पहले पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा, 'बीजेपी को अपना चुनाव चिन्ह कमल से बदलकर वॉशिंग मशीन कर लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्हें भ्रष्ट कहा जाता था, लेकिन जैसे ही वे बीजेपी में शामिल हुए, वे साफ हो गए.'
नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की विस्तारित कार्य समिति को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राजनीतिक हिसाब-किताब तय करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा पर हमला किया. पवार ने कहा, 'क्या एक दशक पहले किसी ने ईडी या सीबीआई के बारे में सुना था.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसका मतलब यह नहीं है कि ये एजेंसियां कभी अस्तित्व में ही नहीं थीं. लेकिन इनका इस्तेमाल कभी भी राजनीतिक लक्ष्य साधने के लिए नहीं किया गया. लेकिन मोदी सरकार के शासन में देखिए कि किस तरह इन एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष और मीडिया को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है.' उन्होंने एनसीपी के भीतर विभाजन के बारे में कहा, जिसने शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को राजनीतिक संकट में डाल दिया.
पवार ने कहा, 'जिस तरह से इन 8 मंत्रियों को मंत्री पद दिया गया, उसे पूरे देश ने देखा. अब उनका दावा है कि एनसीपी और उसके चुनाव चिह्न पर उनका अधिकार है. मैं आपको बता दूं कि जब इन सभी ने महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली तो ये सभी मुझसे मिलने आए थे. उस समय, उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें ईडी द्वारा धमकी दी जा रही है और उनसे कहा गया है कि या तो वे भाजपा के पाले में आ जाएं या ईडी की कार्रवाई का सामना करें.'
अजित पवार और आठ विधायकों के महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद 2 जुलाई को शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी विभाजित हो गई, जिससे महाराष्ट्र राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया. एनसीपी की याचिका पर चुनाव आयोग 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगा और फैसले की घोषणा करने की संभावना है, इस पर पवार ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग न्याय करेगा. सभी की निगाहें चुनाव पैनल पर हैं.
उन्होंने कहा, 'हर कोई जानता है कि एनसीपी का नेता कौन है. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो इस पार्टी और इसके चुनाव चिन्ह पर कब्ज़ा करना चाहते हैं. लेकिन अगर वे चुनाव चिन्ह छीन भी लेंगे तो भी लोग हमारा समर्थन करते रहेंगे. लोगों को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता.' उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, मैंने इंदिरा गांधी, एचडी देवगौड़ा, पीवी नरसिम्हा राव, मोरारजी देसाई सहित कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है.'
आगे उन्होंने कहा, 'उन्होंने कभी भी विकास संबंधी किसी भी परियोजना का उद्घाटन करते समय कोई राजनीतिक भाषण नहीं दिया, चाहे वह रेलवे लाइन हो, रेलगाड़ियां हों या रक्षा संबंधी परियोजनाएं हों. लेकिन पीएम मोदी जब भी जाते हैं तो राजनीतिक भाषण देते हैं.'