लखनऊ : मुगल शासक शाहजहां का 366वां उर्स आज से तीन दिन तक मनाया जाएगा. उर्स के दौरान ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों के दरवाजे को खोला जाएगा. दोपहर दो बजे गुस्ल की रश्म के साथ उर्स की शुरुआत की गई. जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही उर्स की अनुमति दी थी. अब उर्स के चलते आज और कल दोपहर बाद ताजमहल में पर्यटकों की एंट्री निशुल्क रहेगी. बता दें कि साप्ताहिक बंदी के दिन शुक्रवार को भी इस बार उर्स को देखते हुए ताजमहल खुलेगा. इस दिन भी एंट्री नि:शुल्क ही रहेगी.
तीन दिन मनाया जाता है उर्स
शाहजहां का उर्स हर साल इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख को मनाया जाता है. इस बार ये तारीख ग्रेगोरियन (अंग्रेजी) कैलेंडर के मुताबिक 10, 11 और 12 मार्च को है. इसलिए ताजमहल में 3 दिन तक पर्यटकों को दोपहर 2 बजे के बाद नि:शुल्क प्रवेश मिलेगा. पर्यटक आज से यहां पर फ्री में ताजमहल और तहखाने में स्थित शाहजहां व मुमताज की असली कब्र का दीदार कर सकेंगे.
आगरा में उर्स की तैयारी पूरी
शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने बताया कि शाहजहां के 366वें उर्स की अनुमति मिलने के बाद आज, कल और 12 मार्च को उर्स मनाया जाएगा. पहले दिन गुस्ल की रश्म होगी और दूसरे दिन संदल चढ़ाया जाएगा, जबकि तीसरे दिन शुक्रवार को सुबह से शाम तक चादर और पंखे चढ़ाए जाएंगे. शुक्रवार को खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी की ओर से इस बार 1,331 मीटर लंबी सतरंगी चादर चढ़ाई जाएगी.
जानें, क्या होता है उर्स
उर्स एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब 'पुण्यतिथि का उत्सव' या मेला होता है. मुस्लिम समुदाय में किसी संत के निधन-तिथि पर होने वाले समारोह को अरबी भाषा में उर्स कहते हैं. शाहजहां का उर्स (पुण्यतिथि) इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को मनाया जाता है.
पढ़ें : ताजमहल में बम होने की खबर निकली फर्जी, पर्यटकों के लिए खुला ताजमहल
दो दिन ताजमहल में दोपहर बाद एंट्री नि:शुल्क
एएसआई के अधीक्षक पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि एएसआई मुख्यालय और जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद आज से शाहजहां का उर्स मनाया जा रहा है. कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सभी जगहों पर साफ-सफाई कराई गई है. पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी बेहतर इंतजाम किया गया है.
बता दें कि बीते साल कोविड-19 की वजह से उर्स नहीं हो सका था. कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से एएसआई के अधिकारियों ने उर्स की सभी रस्म पूरी की थी, आम जनता को यहां आने की अनुमति नहीं दी गई थी.