नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण मामले में दाखिल चार्जशीट पर सुनवाई टल गई. साथ ही अब मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है. इससे पहले गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई शुरू करते हुए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) महिमा राय सिंह ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या पॉस्को के लिए कैंसिलेशन अप्लीकेशन अलग से दाखिल किया है? क्या एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल के पास पहले से एफआईआर असाइन है?
इस पर थानाध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पटियाला हाउस कोर्ट में पॉस्को मामले में कैंसिलेशन अप्लीकेशन दाखिल किया है. सीएमएम महिमा राय सिंह ने कोर्ट स्टाफ को पता करने को कहा कि क्या मामले में एफआईआर एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल को असाइन हुई है? इसके बाद सुनवाई को थोड़ी देर के लिए स्थगित की गई.
केस एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफरः बाद में जब दोबारा सुनवाई शुरू हुई तो सीएमएम महिमा राय सिंह ने मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया. अब राउज एवेन्यू कोर्ट में ही स्थित एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगी. चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए अगली सुनवाई अब 27 जून को होगी. बता दें, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी.
यह है पूरा मामलाः महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह पर कथित यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपने आरोप पर सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, उन्हें कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाने और गिरफ्तार करने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से दोबारा अपना धरना शुरू किया था. इसके बाद पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न करने पर इन पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, तब सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
फिर दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ और यौन शोषण का मामला दर्ज किया था. महिला पहलवान ने आरोप लगाया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने एक नाबालिग पहलवान का यौन शोषण किया था, जिसके तहत पोक्सो का मामला दर्ज हुआ था. पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार करते हुए महिला पहलवानों को जिला अदालत का रुख करने की सलाह दी थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर महिला पहलवानों को धरने पर पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी.
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इसके बाद से महिला पहलवान लगातार भाजपा सांसद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर अड़ी थी. जिन्हें दिल्ली पुलिस ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के समय प्रदर्शन करने के चलते जंतर मंतर से खदेड़ दिया था. धरने के समय हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों के नेता पहुंचकर महिला पहलवानों को अपना समर्थन दे रहे थे. विभिन्न राजनीतिक दलों कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारती किसान यूनियन के नेता भी पहलवानों के धरने को समर्थन देने के लिए जंतर मंतर पहुंचे थे.