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'एस्ट्राजेनेका का टीका रोग को गंभीर होने से रोकने में सौ प्रतिशत तक प्रभावी'

एस्ट्राजेनेका का टीका कोविड-19 होने से रोकने में 79 प्रतिशत और रोग को गंभीर होने से रोकने में सौ प्रतिशत तक प्रभावी है. ये नतीजे अमेरिका समेत तीन देशों में हुए अध्ययन में सामने आए हैं.

एस्ट्राजेनेका
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Published : Mar 22, 2021, 8:46 PM IST

नई दिल्ली : कोविड 19 में एस्ट्राजेनेका टीका काफी हद तक प्रभावी होने के प्रमाण सामने आए हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि अमेरिका में तीसरे चरण के परीक्षण में सामने आया है कि यह टीका कोविड-19 को होने से रोकने में 79 प्रतिशत और रोग को गंभीर होने से रोकने में सौ प्रतिशत तक प्रभावी है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा विकसित टीके के तीसरे चरण का अध्ययन अमेरिका, चिली और पेरू में किया गया जिससे इसके 'सुरक्षित और प्रभावी' होने की पुष्टि दोबारा हुई.

इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में टीके का परीक्षण किया गया था. भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा भी इस टीके का उत्पादन किया जा रहा है. टीका सभी उम्र और समुदाय के लोगों पर समान रूप से प्रभावी देखा गया और 65 वर्ष की आयु से अधिक के व्यक्तियों पर यह 80 प्रतिशत असरदार रहा.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और टीके के प्रमुख जांचकर्ता एंड्र्यू पोलार्ड ने कहा, 'यह नतीजे मिलना अच्छी खबर है क्योंकि इससे टीके के प्रभाव का पता चलता है. यह ऑक्सफोर्ड के ट्रायल के नतीजे में भी समान रूप से प्रभावी दिखता है.'

पढ़ें- भारत से मिले 10 लाख 'एस्ट्राजेनेका' टीकों की दक्षिण अफ्रीका में बिक्री
उन्होंने कहा, 'सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को टीका दिए जाने पर कोविड-19 से डटकर मुकाबला किया जा सकता है.'

नई दिल्ली : कोविड 19 में एस्ट्राजेनेका टीका काफी हद तक प्रभावी होने के प्रमाण सामने आए हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि अमेरिका में तीसरे चरण के परीक्षण में सामने आया है कि यह टीका कोविड-19 को होने से रोकने में 79 प्रतिशत और रोग को गंभीर होने से रोकने में सौ प्रतिशत तक प्रभावी है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा विकसित टीके के तीसरे चरण का अध्ययन अमेरिका, चिली और पेरू में किया गया जिससे इसके 'सुरक्षित और प्रभावी' होने की पुष्टि दोबारा हुई.

इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में टीके का परीक्षण किया गया था. भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा भी इस टीके का उत्पादन किया जा रहा है. टीका सभी उम्र और समुदाय के लोगों पर समान रूप से प्रभावी देखा गया और 65 वर्ष की आयु से अधिक के व्यक्तियों पर यह 80 प्रतिशत असरदार रहा.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और टीके के प्रमुख जांचकर्ता एंड्र्यू पोलार्ड ने कहा, 'यह नतीजे मिलना अच्छी खबर है क्योंकि इससे टीके के प्रभाव का पता चलता है. यह ऑक्सफोर्ड के ट्रायल के नतीजे में भी समान रूप से प्रभावी दिखता है.'

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उन्होंने कहा, 'सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को टीका दिए जाने पर कोविड-19 से डटकर मुकाबला किया जा सकता है.'

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