नई दिल्ली : इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और एमडी साइरस पूनावाला ने कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को मिक्स करने पर नराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि यह एक 'बैड आइडिया' है. दरअसल, हाल में भारत के ड्रग रेगुलेटर ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेल्लोर द्वारा COVID-19 टीकों कोवैक्सिन और कोविशील्ड के मिश्रण पर किए जाने वाले एक अध्ययन को मंजूरी दी थी, जिसका परीक्षण 300 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जाएगा.
अध्ययन में यह भी पाया गया था कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके की एक-एक खुराक लेना सुरक्षित हैं और इसके प्रतिकूल प्रभाव भी एक ही टीके की दोनों खुराक के समान पाये गये. अध्ययन को एक प्रीप्रिंट सर्वर मेडआरविक्स पर अपलोड किया गया है.
इससे पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन में यह दावा किया गया था है कि कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) की एक-एक खुराक लेने से इस रोग के खिलाफ बेहतर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई.
यह अध्ययन उत्तर प्रदेश में 98 लोगों पर किया गया, जिनमें से 18 ने अनजाने में टीके की पहली खुराक कोविशील्ड और दूसरी खुराक कोवैक्सीन ले ली थी तथा इन दोनों टीकों की एक-एक खुराक लेने से उनमें बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई.
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पूनावाला ने पुणे के लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि अगर कॉकटेल टीके लगाये जाते हैं और परिणाम अच्छे नहीं आते तो एसआईआई कह सकता है कि दूसरा टीका सही नहीं था. इसी तरह दूसरी कंपनी कह सकती है कि आपने सीरम के टीके को मिला दिया इसलिए अपेक्षित परिणाम नहीं मिले. उन्होंने कहा कि जब तक हमें नोवावैक्स को लॉन्च करने का लाइसेंस नहीं मिलता है, तब तक हम इसे लॉन्च नहीं कर सकते हैं.