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पाकिस्तानी महिला को सिलीगुड़ी अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

भारतीय सेना के खुफिया विभाग ने गुरुवार को सिलीगुड़ी के पास खोरीबारी ब्लॉक में भारत-नेपाल सीमा पर पानीटंकी से एसएसबी द्वारा पकड़े गए पाकिस्तानी महिला और लड़के के मामले में समानांतर जांच शुरू कर दी है. सिलीगुड़ी उप-विभागीय न्यायालय के न्यायाधीश ने शुक्रवार को उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया. Pakistani Woman In Darjeeling, Pakistani Women and Child Enter India, To Meet Her Sister In Bengal Indo Nepal Border

Pakistani woman in darjeeling
प्रतिकात्मक तस्वीर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 17, 2023, 2:18 PM IST

दार्जिलिंग: सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक पाकिस्तानी महिला (62) और उसके 11 वर्षीय बेटे को नियमित जांच के दौरान गुरुवार को भारत-नेपाल सीमा पार करने की कोशिश करते समय पकड़ लिया. एसएसबी ने प्राथमिक पूछताछ के बाद उन्हें दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी उपखंड के खोरीबारी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया.

दार्जिलिंग पुलिस ने प्राथमिक पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. महिला को आगे की पूछताछ और जांच के लिए सात दिनों की पुलिस हिरासत की प्रार्थना के साथ सिलीगुड़ी में अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. पुलिस ने उसकी जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया. उन्होंने आशंका जताई कि वह हमेशा के लिए इलाके से भाग सकती है. भारत-नेपाल सीमा खासकर दार्जिलिंग जिले के पानीटंकी-काकरविट्टा के रास्ते अक्सर घुसपैठ के मामले सामने आते रहते हैं.

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पाकिस्तानी महिला की पहचान मुहम्मद हनीफ की पत्नी शाइस्ता हनीफ के रूप में हुई है, जो कराची के सराफा बाजार के गाहनमेर स्ट्रीट की निवासी है. उनका बेटा आर्यन हनीफ है. हनीफा ने पुलिस के सामने कबूल किया कि लोगों के एक समूह ने उन्हें पानीटंकी के माध्यम से भारत में प्रवेश करने में मदद की. हनीफा ने पर्यटक वीजा का प्रबंध करके इस वर्ष 11 नवंबर को जियाद्दा अब्दुल अजीज हवाई अड्डे से दिल्ली होते हुए काठमांडू के लिए उड़ान भरी, जो 5 नवंबर 2023 को जारी किया गया था. उनका पासपोर्ट 29 मई 2022 को जारी किया गया था.

वह पासपोर्ट के साथ काठमांडू में रुकी और 14 नवंबर को बस से अपने बेटे के साथ काकरविट्टा के लिए रवाना हुई. काकरविट्टा पहुंचने के बाद उसने 15 नवंबर को पानीटंकी के रास्ते भारत-नेपाल सीमा पार करने की कोशिश की. 41 बटालियन एसएसबी अधिकारियों ने अपनी नियमित जांच के दौरान उससे पहचान प्रमाण दिखाने को कहा. नेपाल या भारतीय नागरिक के रूप में अपनी पहचान दिखाने में विफल रहने पर, महिला ने अंततः भारत-नेपाल सीमा पार करने की अपनी योजना का खुलासा किया. सूत्रों ने बताया कि वह अपने बेटे के साथ अपने रिश्तेदारों से मिलने कोलकाता जाना चाहती थीं.

पुलिस उसके बयानों और पुलिस के सामने पेश किए गए अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही है. पुलिस ने अदालत के समक्ष अपील की कि वे उसके बयानों और दस्तावेजों का सत्यापन शुरू करेंगे जो मामले की आगे की जांच के लिए और विशेष रूप से उन रैकेटों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

खोरीबाड़ी थाना पुलिस ने धारा 14 (ए) विदेशी अधिनियम के तहत मामला (संख्या 312/ 1023 / 15-11-2023) दर्ज किया है. पुलिस ने पासपोर्ट और मोबाइल फोन सहित सामान, कागजात भी जब्त कर लिए. पुलिस ने उसके कब्जे से 1,00,00 नेपाली मुद्रा, 16,000 रुपये, 6 यूरो और 16 रियाल जब्त किए. सूत्रों ने कहा कि दार्जिलिंग पुलिस पाकिस्तानी पासपोर्ट, वीजा और उसके ट्रैवल एजेंटों की पहचान को सत्यापित करने की भी योजना बना रही है.

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अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गहन जांच के लिए पाकिस्तानी महिला को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि महिला के वकील सयान घोष दस्तीदार ने दावा किया था कि पाकिस्तानी महिला मूल रूप से असम के सिलचर की रहने वाली थी. चूंकि वह मुंबई में थी, वह लोगों के एक समूह में फंस गई थी. उन्हें उनके साथ पाकिस्तान के लिए रवाना होना पड़ा. इनका नाम गौरी देब है. वह खुद भागने में सफल रही और भारत में अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए लौट रही थी. उन्होंने कहा कि वह भारत के लिए वीजा चाहती थी लेकिन पाकिस्तान में इसका प्रबंध नहीं कर सकी. दिलचस्प बात यह है कि महिला बहुत अच्छी बांग्ला बोल सकती है.

दार्जिलिंग: सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक पाकिस्तानी महिला (62) और उसके 11 वर्षीय बेटे को नियमित जांच के दौरान गुरुवार को भारत-नेपाल सीमा पार करने की कोशिश करते समय पकड़ लिया. एसएसबी ने प्राथमिक पूछताछ के बाद उन्हें दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी उपखंड के खोरीबारी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया.

दार्जिलिंग पुलिस ने प्राथमिक पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. महिला को आगे की पूछताछ और जांच के लिए सात दिनों की पुलिस हिरासत की प्रार्थना के साथ सिलीगुड़ी में अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. पुलिस ने उसकी जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया. उन्होंने आशंका जताई कि वह हमेशा के लिए इलाके से भाग सकती है. भारत-नेपाल सीमा खासकर दार्जिलिंग जिले के पानीटंकी-काकरविट्टा के रास्ते अक्सर घुसपैठ के मामले सामने आते रहते हैं.

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पाकिस्तानी महिला की पहचान मुहम्मद हनीफ की पत्नी शाइस्ता हनीफ के रूप में हुई है, जो कराची के सराफा बाजार के गाहनमेर स्ट्रीट की निवासी है. उनका बेटा आर्यन हनीफ है. हनीफा ने पुलिस के सामने कबूल किया कि लोगों के एक समूह ने उन्हें पानीटंकी के माध्यम से भारत में प्रवेश करने में मदद की. हनीफा ने पर्यटक वीजा का प्रबंध करके इस वर्ष 11 नवंबर को जियाद्दा अब्दुल अजीज हवाई अड्डे से दिल्ली होते हुए काठमांडू के लिए उड़ान भरी, जो 5 नवंबर 2023 को जारी किया गया था. उनका पासपोर्ट 29 मई 2022 को जारी किया गया था.

वह पासपोर्ट के साथ काठमांडू में रुकी और 14 नवंबर को बस से अपने बेटे के साथ काकरविट्टा के लिए रवाना हुई. काकरविट्टा पहुंचने के बाद उसने 15 नवंबर को पानीटंकी के रास्ते भारत-नेपाल सीमा पार करने की कोशिश की. 41 बटालियन एसएसबी अधिकारियों ने अपनी नियमित जांच के दौरान उससे पहचान प्रमाण दिखाने को कहा. नेपाल या भारतीय नागरिक के रूप में अपनी पहचान दिखाने में विफल रहने पर, महिला ने अंततः भारत-नेपाल सीमा पार करने की अपनी योजना का खुलासा किया. सूत्रों ने बताया कि वह अपने बेटे के साथ अपने रिश्तेदारों से मिलने कोलकाता जाना चाहती थीं.

पुलिस उसके बयानों और पुलिस के सामने पेश किए गए अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही है. पुलिस ने अदालत के समक्ष अपील की कि वे उसके बयानों और दस्तावेजों का सत्यापन शुरू करेंगे जो मामले की आगे की जांच के लिए और विशेष रूप से उन रैकेटों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

खोरीबाड़ी थाना पुलिस ने धारा 14 (ए) विदेशी अधिनियम के तहत मामला (संख्या 312/ 1023 / 15-11-2023) दर्ज किया है. पुलिस ने पासपोर्ट और मोबाइल फोन सहित सामान, कागजात भी जब्त कर लिए. पुलिस ने उसके कब्जे से 1,00,00 नेपाली मुद्रा, 16,000 रुपये, 6 यूरो और 16 रियाल जब्त किए. सूत्रों ने कहा कि दार्जिलिंग पुलिस पाकिस्तानी पासपोर्ट, वीजा और उसके ट्रैवल एजेंटों की पहचान को सत्यापित करने की भी योजना बना रही है.

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अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गहन जांच के लिए पाकिस्तानी महिला को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि महिला के वकील सयान घोष दस्तीदार ने दावा किया था कि पाकिस्तानी महिला मूल रूप से असम के सिलचर की रहने वाली थी. चूंकि वह मुंबई में थी, वह लोगों के एक समूह में फंस गई थी. उन्हें उनके साथ पाकिस्तान के लिए रवाना होना पड़ा. इनका नाम गौरी देब है. वह खुद भागने में सफल रही और भारत में अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए लौट रही थी. उन्होंने कहा कि वह भारत के लिए वीजा चाहती थी लेकिन पाकिस्तान में इसका प्रबंध नहीं कर सकी. दिलचस्प बात यह है कि महिला बहुत अच्छी बांग्ला बोल सकती है.

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