लखनऊ : पाकिस्तान से बिना वीजा यूपी के नोएडा आई सीमा हैदर से यूपी एटीएस की पूछताछ पूरी हो चुकी है। पूछताछ के बाद सीमा हैदर और सचिन मीणा को उनके घर भेज दिया गया. सीमा हैदर का कहना है कि उसने एजेंसी को सब सच बताया है अब उसे भारत में ही सचिन के पास रहने दिया जाए. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीमा को भारत में रहने दिया जाएगा या उसे वापस पाकिस्तान भेजा जाएगा. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन कहते हैं कि जैसी संभावना है कि सीमा को डिपोर्ट तो जरूर किया जाएगा, लेकिन उसे भारत में कुछ और वक्त रहने के लिए सरकार मौका दे सकती है. यह इसलिए क्योंकि उसने भारतीय लड़के से शादी की है.
सीमा हैदर पहले पाकिस्तान के कराची से दुबई शारजहां पहुंची थी, वहां से नेपाल होते हुए अवैध रूप से भारत में एंट्री की. यूपी एटीएस ने चार दिनों की पूछताछ और जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया है कि सीमा हैदर कोई जासूस है. ऐसे में शुक्रवार को सीमा हैदर को सचिन मीणा के घर छोड़ दिया गया है. अब सवाल यह उठ रहा है कि अवैध रूप से भारत आने वाली पाकिस्तानी सीमा हैदर का भविष्य क्या होगा? सीमा हैदर पाकिस्तान वापस जाएगी या भारत में रहने दिया जाएगा या उसके लिए किसी अन्य देश में भेजने का विकल्प सोचा जाएगा.
सीमा को भारत में कुछ और दिन रहने की मिल सकती है अनुमति : पूर्व डीजीपी कहते हैं कि सीमा हैदर को लेकर विभिन्न जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर यूपी सरकार और भारत सरकार निर्णय लेगी. भारत सरकार इस पर विचार कर रही होगी कि सीमा को डिपोर्ट करना भी है या नही करना है. उसे अवैध प्रवासी माना जा सकता है, क्योंकि उसने भारत के एक युवक से शादी की है. इसलिए उसे कुछ समय यहां रहने की अनुमति दी जा सकती है. बीते समय में देखा गया है कि बहुत विदेशी महिलाओं ने भारत में आकर यहां के युवकों से शादी की है तो उसमें कभी ऐसा नहीं हुआ है कि उसे तत्काल डिपोर्ट कर दिया गया हो. ऐसे में उन्हें लगता है कि जब तक उसके खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा उसे भारत में रहने की अनुमत दी जा सकती है.
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मुकदमे के ट्रायल तक भारत में रह सकती है सीमा हैदर : इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रिंस लेनिन कहते हैं कि सीमा हैदर के मामले में यह निर्भर करता है भारत सरकार पर कि वह किसको वरीयता देगी अपनी विदेश नीति या कोर्ट के ट्रायल को. लेनिन के मुताबिक चूंकि कोर्ट ने सीमा हैदर को जमानत दे दी है और वह जेल से बाहर है. सीमा पर फॉरेनर्स एक्ट 1946 के सेक्शन 14 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके तहत पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है. ऐसे में पुलिस द्वारा चार्जशीट होने के बाद केस का ट्रायल चलेगा. जिसमें सीमा को शामिल होना होगा और यदि उसका डिपोर्ट हुआ तो शायद ही वह कोर्ट ट्रायल में शामिल हो. ऐसे में फिर यदि भारत सरकार अपनी विदेश नीति को वरीयता देती है और सीमा को पाकिस्तान डिपोर्ट करती है तो यूपी सरकार को गौतमबुद्ध नगर के रबुपुरा थाने में दर्ज अभियोजन को वापस लेना होगा. लेनिन कहते हैं कि संभावना है कि जब यूपी पुलिस और जांच एजेंसियों की जांच में सीमा जासूस या फिर देश के लिए खतरा साबित नहीं हुई है तो सरकार उसे कोर्ट ट्रायल तक सचिन के पास ही रहने दे सकती है.