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हनुमान चालीसा विवाद : राणा दंपति की जमानत पर फैसला सुरक्षित, 4 मई को आएगा फैसला

निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई (Sedition case Hearing on Rana couples bail plea). अदालत ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला बुधवार, चार मई तक के लिए सुरक्षित कर लिया है (Order reserved for Monday).

Sedition case: Hearing on Rana couple's bail plea
राणा दंपति
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Published : Apr 30, 2022, 3:01 PM IST

Updated : May 2, 2022, 5:41 PM IST

मुंबई : निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत अर्जी पर सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट से आज उन्हें जमानत नहीं मिली है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सेशंस कोर्ट 4 मई को फैसला सुनाएगा. इससे पहले सेशंस कोर्ट में सुनवाई को दौरान राणा दंपति के वकील रिजवान मर्चेंंट ने कहा कि राणा दंपति ने कुछ गलत नहीं किया है. 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करना राजद्रोह नहीं है.

वहीं, उनकी ओर से पेश एक अन्य अधिवक्ता अबाद पोंडा ने अदालत के समक्ष उल्लेख किया कि सीजेआई एनवी रमना ने भी सरकार को यह तय करने के लिए समय दिया है कि 'क्या धारा 124 ए यानी देशद्रोह का दुरुपयोग रोकने के लिए इसे समाप्त किया जाना चाहिए?.' देशद्रोह का दुरुपयोग होने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट 5 मई से सुनवाई करेगा.

गौरतलब है कि अदालत ने मंगलवार को मुंबई पुलिस से जेल में बंद दंपति की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को जवाब दाखिल करने को कहा था. राणा दंपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था. इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह और समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. जमानत की मांग करते हुए दंपति ने सोमवार को अदालत का रुख किया था.

मंगलवार को जब यह मामला अदालत में सुनवाई के लिए आया तो पुलिस ने कहा कि वह जमानत याचिका पर हलफनामे के साथ जवाब दाखिल करना चाहती है. राणा दंपति को मुंबई पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. नवनीत राणा को जहां मुंबई की भायखला महिला जेल भेजा दिया गया था, वहीं उनके पति रवि राणा को पड़ोसी नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है.

नवनीत और रवि राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने सोमवार को कहा था कि दंपति ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित अपनी जमानत याचिका को वापस लेने का फैसला किया है, जिसने उन्हें रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. मर्चेंट ने कहा था कि उपनगरीय खार पुलिस ने शुरुआत में विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत राणा दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया था. रिमांड के समय पुलिस ने मजिस्ट्रेट अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने पहली प्राथमिकी में दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह का आरोप जोड़ा है.

दंपति की जमानत याचिका में कहा गया है कि 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक सुनियोजित कदम नहीं था, लिहाजा धारा 153 (ए) के तहत लगाए गए आरोप को बरकरार नहीं रखा जा सकता है. पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और अमरावती के बडनेरा से उनके विधायक पति रवि राणा ने रविवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना रद्द कर दी थी.

पढ़ें- नवनीत राणा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, लकड़ावाला लोन मामले की होगी जांच!

मुंबई : निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत अर्जी पर सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट से आज उन्हें जमानत नहीं मिली है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सेशंस कोर्ट 4 मई को फैसला सुनाएगा. इससे पहले सेशंस कोर्ट में सुनवाई को दौरान राणा दंपति के वकील रिजवान मर्चेंंट ने कहा कि राणा दंपति ने कुछ गलत नहीं किया है. 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करना राजद्रोह नहीं है.

वहीं, उनकी ओर से पेश एक अन्य अधिवक्ता अबाद पोंडा ने अदालत के समक्ष उल्लेख किया कि सीजेआई एनवी रमना ने भी सरकार को यह तय करने के लिए समय दिया है कि 'क्या धारा 124 ए यानी देशद्रोह का दुरुपयोग रोकने के लिए इसे समाप्त किया जाना चाहिए?.' देशद्रोह का दुरुपयोग होने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट 5 मई से सुनवाई करेगा.

गौरतलब है कि अदालत ने मंगलवार को मुंबई पुलिस से जेल में बंद दंपति की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को जवाब दाखिल करने को कहा था. राणा दंपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था. इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह और समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. जमानत की मांग करते हुए दंपति ने सोमवार को अदालत का रुख किया था.

मंगलवार को जब यह मामला अदालत में सुनवाई के लिए आया तो पुलिस ने कहा कि वह जमानत याचिका पर हलफनामे के साथ जवाब दाखिल करना चाहती है. राणा दंपति को मुंबई पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. नवनीत राणा को जहां मुंबई की भायखला महिला जेल भेजा दिया गया था, वहीं उनके पति रवि राणा को पड़ोसी नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है.

नवनीत और रवि राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने सोमवार को कहा था कि दंपति ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित अपनी जमानत याचिका को वापस लेने का फैसला किया है, जिसने उन्हें रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. मर्चेंट ने कहा था कि उपनगरीय खार पुलिस ने शुरुआत में विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत राणा दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया था. रिमांड के समय पुलिस ने मजिस्ट्रेट अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने पहली प्राथमिकी में दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह का आरोप जोड़ा है.

दंपति की जमानत याचिका में कहा गया है कि 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक सुनियोजित कदम नहीं था, लिहाजा धारा 153 (ए) के तहत लगाए गए आरोप को बरकरार नहीं रखा जा सकता है. पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और अमरावती के बडनेरा से उनके विधायक पति रवि राणा ने रविवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना रद्द कर दी थी.

पढ़ें- नवनीत राणा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, लकड़ावाला लोन मामले की होगी जांच!

Last Updated : May 2, 2022, 5:41 PM IST
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