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बिहार के एक स्‍कूल में दी जा रही थी देशद्राेह की शिक्षा, बच्चों के मन में भरा जा रहा था 'जहर' - sedition case filed on school

दानापुर कैंट स्थित एक स्कूल में संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में छात्राओं को एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जिस तरह से पढ़ाया जा रहा था, उसे राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने देशद्रोह माना है. आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Apr 10, 2021, 3:33 PM IST

पटना : बिहार के दानापुर कैंट स्थित एक स्कूल में संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में छात्राओं को एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जिस तरह से पढ़ाया जा रहा था, उसे राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने देशद्रोह माना है. इसके बाद आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

दानापुर थाना में कांड संख्या 258/21 में आईपीसी की धारा 124ए, 153ए, 505(2) और अन्‍य एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. दरअसल, बाल संरक्षण आयोग ने इस संबंध में तीन पेज की चिट्ठी पटना एसएसपी समेत तमाम बड़े अधिकारियों को पत्र लिखा है. इस पत्र के आधार पर ही यह केस दर्ज किया गया है.

राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानून इस स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने संस्था में रखे कागजातों को देखा तो पाया कि इनके जरिए स्कूल में नाबालिग बच्चों को देश में बने कानूनों के खिलाफ ऐसे बताया जा रहा था. जैसे कानून उनके खिलाफ है. इसी के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

इस मामले में दानापुर थाना के अनुसंधानकर्ता रीना कुमारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने देश में बने कानून के विरोध में बच्चों को शिक्षा देने के मामले में कार्रवाई करने का एक लिखित आवेदन दिया है. आवेदन के आधार पर उक्त विद्यालय पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है.

पढ़ें: बिहार के थानेदार की बंगाल में पीट-पीटकर हत्या

छात्रा ने जो लिखा है, उसे आयोग ने देश के कानून के बारे में गलत तरीके से दी रही शिक्षा माना है. दरअसल, बाल संरक्षण आयोग के हाथ छात्रा का लिखा जो दस्तावेज लगा है, उसमें छात्रा ने लिखा, 'मेरा नाम... है. मैं सुबह चार बजे उठकर पढ़ती हूं और अपने फ्रेंड्स को पढ़ने को बोलती हूं. मैं एनआरसी के विरोध में हूं, क्योंकि हमारे पास घर नहीं है, तो डॉक्यूमेंट्स कहां रखेंगे.'

पटना : बिहार के दानापुर कैंट स्थित एक स्कूल में संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में छात्राओं को एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जिस तरह से पढ़ाया जा रहा था, उसे राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने देशद्रोह माना है. इसके बाद आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

दानापुर थाना में कांड संख्या 258/21 में आईपीसी की धारा 124ए, 153ए, 505(2) और अन्‍य एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. दरअसल, बाल संरक्षण आयोग ने इस संबंध में तीन पेज की चिट्ठी पटना एसएसपी समेत तमाम बड़े अधिकारियों को पत्र लिखा है. इस पत्र के आधार पर ही यह केस दर्ज किया गया है.

राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानून इस स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने संस्था में रखे कागजातों को देखा तो पाया कि इनके जरिए स्कूल में नाबालिग बच्चों को देश में बने कानूनों के खिलाफ ऐसे बताया जा रहा था. जैसे कानून उनके खिलाफ है. इसी के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

इस मामले में दानापुर थाना के अनुसंधानकर्ता रीना कुमारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने देश में बने कानून के विरोध में बच्चों को शिक्षा देने के मामले में कार्रवाई करने का एक लिखित आवेदन दिया है. आवेदन के आधार पर उक्त विद्यालय पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है.

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छात्रा ने जो लिखा है, उसे आयोग ने देश के कानून के बारे में गलत तरीके से दी रही शिक्षा माना है. दरअसल, बाल संरक्षण आयोग के हाथ छात्रा का लिखा जो दस्तावेज लगा है, उसमें छात्रा ने लिखा, 'मेरा नाम... है. मैं सुबह चार बजे उठकर पढ़ती हूं और अपने फ्रेंड्स को पढ़ने को बोलती हूं. मैं एनआरसी के विरोध में हूं, क्योंकि हमारे पास घर नहीं है, तो डॉक्यूमेंट्स कहां रखेंगे.'

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