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गृह सचिव अजय भल्ला ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा की

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Published : Dec 6, 2022, 12:45 PM IST

Updated : Dec 6, 2022, 7:43 PM IST

जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय एक अहम बैठक कर रहा है. इस बैठक में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं. दूसरी ओर एनआईए, रॉ और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी कश्मीर पहुंच चुके हैं.

जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर

नई दिल्ली/श्रीनगर : केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एक आतंकवादी समूह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय के 56 कर्मचारियों की ‘हिट लिस्ट’ जारी किए जाने के बाद यह बैठक हुई है. बैठक में मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा हालात का जायजा लिया गया.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह सामान्य मासिक बैठक है और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के कुछ प्रतिनिधियों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसमें हिस्सा लिया. ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादी समूह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय के 56 कर्मचारियों की ‘हिट लिस्ट’ जारी किए जाने के बाद घाटी में काम करने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों में डर और घबराहट है.

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ से जुड़े एक ब्लॉग में 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची दी गई है जिनकी भर्ती प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज (पीएमआरपी) के तहत हुई है. इसमें कर्मचारियों पर हमले करने की धमकी दी है. आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर हत्याएं किए जाने के बाद पीएमआरपी के तहत घाटी में काम करने वाले कई कश्मीरी पंडित कर्मचारी जम्मू चले गए हैं और ऐसे सभी कर्मचारियों को घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर 200 से ज्यादा दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में हिंसा की तमाम घटनाएं हुई हैं जिनमें निर्दोष असैन्य नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमला और सीमापार से घुसपैठ का प्रयास आदि शामिल हैं. सरकार ने संसद को बताया है कि पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से जुलाई, 2022 के बीच पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य सिखों तथा हिन्दुओं की जम्मू-कश्मीर में हत्या की गई है.

इस अहम बैठक में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण मेहता, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के आला अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जम्मू कश्मीर में विकास परियोजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश के सुरक्षा हालातों की भी समीक्षा की गई.

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अक्टूबर में जम्मू कश्मीर दौरे के बाद यह जम्मू कश्मीर की सुरक्षा पर गृह मंत्रालय की पहली बैठक है. पिछले महीने ही जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जम्मू कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी.

नई दिल्ली/श्रीनगर : केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एक आतंकवादी समूह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय के 56 कर्मचारियों की ‘हिट लिस्ट’ जारी किए जाने के बाद यह बैठक हुई है. बैठक में मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा हालात का जायजा लिया गया.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह सामान्य मासिक बैठक है और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के कुछ प्रतिनिधियों ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसमें हिस्सा लिया. ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादी समूह द्वारा कश्मीरी पंडित समुदाय के 56 कर्मचारियों की ‘हिट लिस्ट’ जारी किए जाने के बाद घाटी में काम करने वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों में डर और घबराहट है.

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ से जुड़े एक ब्लॉग में 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची दी गई है जिनकी भर्ती प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज (पीएमआरपी) के तहत हुई है. इसमें कर्मचारियों पर हमले करने की धमकी दी है. आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर हत्याएं किए जाने के बाद पीएमआरपी के तहत घाटी में काम करने वाले कई कश्मीरी पंडित कर्मचारी जम्मू चले गए हैं और ऐसे सभी कर्मचारियों को घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर 200 से ज्यादा दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में हिंसा की तमाम घटनाएं हुई हैं जिनमें निर्दोष असैन्य नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमला और सीमापार से घुसपैठ का प्रयास आदि शामिल हैं. सरकार ने संसद को बताया है कि पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से जुलाई, 2022 के बीच पांच कश्मीरी पंडितों और 16 अन्य सिखों तथा हिन्दुओं की जम्मू-कश्मीर में हत्या की गई है.

इस अहम बैठक में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण मेहता, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के आला अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जम्मू कश्मीर में विकास परियोजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश के सुरक्षा हालातों की भी समीक्षा की गई.

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अक्टूबर में जम्मू कश्मीर दौरे के बाद यह जम्मू कश्मीर की सुरक्षा पर गृह मंत्रालय की पहली बैठक है. पिछले महीने ही जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जम्मू कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी.

Last Updated : Dec 6, 2022, 7:43 PM IST
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