नई दिल्ली: भारत में सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पार से किसी भी विद्रोही समूहों की घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), क्वाडकॉप्टर तैनात किए हैं. ताजा तैनाती तब हुई जब खुफिया रिपोर्ट में कहा गया कि म्यांमार में स्थित कई भारतीय विद्रोही संगठन गड़बड़ी पैदा करने के लिए भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं. खुफिया रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने इस मामले की जानकारी दी है.
अधिकारी ने कहा कि हमें ख़ुफ़िया जानकारी मिली है कि कई कुकी और नगा उग्रवादी संगठन पहले से ही अशांत मणिपुर में गड़बड़ी पैदा करने के लिए मणिपुर में घुसने की कोशिश कर सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि यूएवी, क्वाडकॉप्टर और ट्रैकर कुत्तों का इस्तेमाल करने के अलावा, सुरक्षा एजेंसियां मौजूदा स्थिति का फायदा उठाने के लिए विद्रोही संगठनों के सभी संभावित प्रयासों को विफल करने के लिए इलाके में छानबीन भी कर रही हैं.
1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा का अधिकांश हिस्सा पोरस है और म्यांमार में स्थित कई भारतीय विद्रोही हमेशा आतंक पैदा करने के लिए भारत में घुसने की कोशिश करते हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि सीमा पर बाड़ लगाने के कई प्रयास पहाड़ी इलाकों, अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ रहने वाले आदिवासी समुदायों के विरोध जैसे विभिन्न कारणों से असफल रहे हैं. चूंकि, भारत-म्यांमार सीमा पर कोई सख्त बाड़ नहीं है, इसलिए इन क्षेत्रों में सीमा पार अपराध बेरोकटोक जारी है.
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मणिपुर स्थित कई विद्रोही संगठनों के शिविर जैसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ मणिपुर (UNLF), यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी ऑफ़ कांगलेपाक (UPPK), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-खापलांग) के साथ घनिष्ठता रखने वाली पीपुल्स लिबरेशन पार्टी ऑफ कांगलीपाक (PREPAK), कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) म्यांमार में सक्रिय हैं. कुकी नेशनल फ्रंट (केएनएफ), कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (केआरए) जैसे कुछ अन्य विद्रोही संगठनों के भी म्यांमार में अपने शिविर हैं.