वाराणसी: सावन का पावन महीना चल रहा है और सावन के पावन महीने में सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है. वैसे तो सावन में हर साल 4 सोमवार पड़ते हैं. लेकिन, इस बार सावन के महीने में आठ सोमवार पड़ रहे हैं. क्योंकि, अधिक मास की शुरुआत के साथ ही चार अतिरिक्त सोमवार पड़ने की वजह से सावन और भी खास हो रहा है. इन सबके बीच बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए सावन के सोमवार पर भक्तों का हुजूम बढ़ता ही जा रहा है. पहले सोमवार पर जहां पांच लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे. वहीं, रविवार रात से हो रही बारिश के बाद भी बाबा विश्वनाथ के मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी है.
बाबा विश्वनाथ का मंदिर रविवार सुबह मंगला आरती के बाद राम भक्तों के लिए खोला गया. सावन के सोमवार पर भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए सारे तरह के टिकट और आरती टिकट की व्यवस्था को सोमवार के लिए निरस्त कर दिया गया. जबरदस्त भीड़ को देखते हुए पुलिस की व्यवस्था भी अलग से विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में की गई है. वाराणसी में प्रयागराज रूट से आने वाले कांवड़ियों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए हाईवे पर एक पूरी लाइन कांवड़ियों के लिए रिजर्व की गई है. इसके अलावा शहर में प्रवेश करने के साथ ही इनको परेशानियों से बचाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर रूट डायवर्शन प्लान लागू किया गया है. काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही इन्हें जल्द से जल्द दर्शन हो जाए इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
मंदिर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा का कहना है कि कतारबद्ध होकर खड़े लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो, इसलिए 15 मिनट के अंदर ही लाइन में लगे लोगों को दर्शन करवाकर उन्हें दूसरे गेट से बाहर निकलवाया जा रहा है. भीड़ ज्यादा ना इकट्ठा हो इसलिए अलग-अलग सभी गेट से बाबा विश्वनाथ के दर्शन की व्यवस्था की गई है. आज सुबह मंगला आरती के खत्म होने के बाद से दर्शन का सिलसिला लगातार जारी है. यह पूरे दिन चलता रहेगा.
इसके अतिरिक्त काशी के अन्य शिव मंदिरों में भी लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है और दर्शन पूजन का सिलसिला जारी है. पिछले सोमवार को योगी सरकार की तरफ से कांवड़ियों के ऊपर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई थी. साथ ही विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से भी कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया था. फिलहाल, विश्वनाथ मंदिर के अंदर और कुछ हिस्से में कांवड़ियों के लिए रेड कारपेट भी बिछाए गए हैं. उनका भव्य स्वागत करते हुए दर्शन-पूजन में दिक्कत ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
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