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म्यूटेशन के बाद बदल जाती है वायरस की प्रकृति: डॉ. अविनाश भोंडवे

उन्होंने कहा कि जीवित चीजों के जीन की आंतरिक संरचना में आरएनए और डीएनए मौजूद होता है. इन आरएनए और डीएनए का एक सही क्रम होता है. जब उनका अनुक्रम बदलता है. तो इसे उत्परिवर्तन(म्यूटेशन) कहा जाता है.

second corona wave in maharashtra
महाराष्ट्र में कोरोना का कहर
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Published : Mar 23, 2021, 10:30 AM IST

मुंबई: देश में कोरोना वायरस की लहर में थोड़ी कमी आई तो केंद्र की मोदी सरकार ने लॉकडाउन हटाने की घोषणा की थी. ऐसा लग रहा था कि कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाएगा, लेकिन पिछले कुछ समय से कोरोना की दूसरी लहर तेजी से रफ्तार पकड़ने लगी है. लगातार संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने की चर्चा

बता दें, कुछ दिनों पहले हर रोज जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 हजार के करीब थी. वहीं, अब ये संख्या 25 हजार तक पहुंच गई है. इसी वजह से देश के कुछ राज्यों ने दोबारा सख्ती बरती है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में कोरोना का कहर देखा जा रहा है. महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में कोरोना लहर, कोरोना प्रभाव के बदलते आयु वर्ग, राज्य में कोरोना में उत्परिवर्तन, जीनोम अनुक्रमण, टीके द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी आदि पर विस्तृत और बहुत सटीक जानकारियां दी.

उन्होंने कहा कि जीवित चीजों के जीन की आंतरिक संरचना में आरएनए और डीएनए मौजूद होता है. इन आरएनए और डीएनए का एक सही क्रम होता है. जब उनका अनुक्रम बदलता है. तो इसे उत्परिवर्तन(म्यूटेशन) कहा जाता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने कहा कि यदि उनके क्रम या संख्या बदलते हैं, तो उस जीवित चीज की विशेषताएं भी बदल जाती हैं. उत्परिवर्तन के बाद वायरस की प्रकृति भी बदल जाती है. डॉ. अविनाश ने बताया कि ब्रिटेन में कोरोना का वायरस तेजी से फैलने वाला था. उसके संक्रमण की दर 30 फीसदी तेज थी.

पढ़ें: उत्तराखंड : गुजरात से आए 22 यात्री कोरोना संक्रमित, तलाश जारी

उन्होंने कहा कि हमलोगों ने भारत में 500 से अधिक उत्परिवर्तन(म्यूटेशन) देखे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील की तरह ही उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) दिखाई पड़ रहा है.

मुंबई: देश में कोरोना वायरस की लहर में थोड़ी कमी आई तो केंद्र की मोदी सरकार ने लॉकडाउन हटाने की घोषणा की थी. ऐसा लग रहा था कि कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाएगा, लेकिन पिछले कुछ समय से कोरोना की दूसरी लहर तेजी से रफ्तार पकड़ने लगी है. लगातार संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने की चर्चा

बता दें, कुछ दिनों पहले हर रोज जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 हजार के करीब थी. वहीं, अब ये संख्या 25 हजार तक पहुंच गई है. इसी वजह से देश के कुछ राज्यों ने दोबारा सख्ती बरती है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में कोरोना का कहर देखा जा रहा है. महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में कोरोना लहर, कोरोना प्रभाव के बदलते आयु वर्ग, राज्य में कोरोना में उत्परिवर्तन, जीनोम अनुक्रमण, टीके द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी आदि पर विस्तृत और बहुत सटीक जानकारियां दी.

उन्होंने कहा कि जीवित चीजों के जीन की आंतरिक संरचना में आरएनए और डीएनए मौजूद होता है. इन आरएनए और डीएनए का एक सही क्रम होता है. जब उनका अनुक्रम बदलता है. तो इसे उत्परिवर्तन(म्यूटेशन) कहा जाता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने कहा कि यदि उनके क्रम या संख्या बदलते हैं, तो उस जीवित चीज की विशेषताएं भी बदल जाती हैं. उत्परिवर्तन के बाद वायरस की प्रकृति भी बदल जाती है. डॉ. अविनाश ने बताया कि ब्रिटेन में कोरोना का वायरस तेजी से फैलने वाला था. उसके संक्रमण की दर 30 फीसदी तेज थी.

पढ़ें: उत्तराखंड : गुजरात से आए 22 यात्री कोरोना संक्रमित, तलाश जारी

उन्होंने कहा कि हमलोगों ने भारत में 500 से अधिक उत्परिवर्तन(म्यूटेशन) देखे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील की तरह ही उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) दिखाई पड़ रहा है.

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