नई दिल्ली : भारत के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) सूचकांक की तीसरी सूची नीति आयोग द्वारा 10 मार्च 2020 को लांच की जाएगी. पहली बार यह इंडेक्स दिसंबर 2018 में लॉन्च किया गया था. यह सूचकांक देश में एसडीजी की प्रगति की निगरानी के लिए प्राथमिक उपकरण बन गया है. साथ ही इसने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा दिया है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत,सांख्यिकी मंत्रालय और कार्यक्रम कार्यान्वयन के सचिव डॉ के शिवाजी, संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर रेनाटा लोक-डेसालियन और यूएनडीपी शोको नोडा की मौजूदगी में एसडीजी का सूंचकाक और डैश बोर्ड जारी किया जाएगा.
प्राथमिक हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श का अनुसरण करने के बाद नीति आयोग द्वारा डिजाइन और विकसित, सूचकांक तैयार की जाती है. परामर्श करने वालो में विभिन्न मंत्रालय, राज्य, केंद्र सरकार के साथ भारत के नेतृत्व वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां शामिल है.
सूचकांक वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में देश की यात्रा में राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति को मापा और यह स्थिरता, लचीलापन और साझेदारी के मैसेज को प्रचारित करने के लिए एक उपकरण के रूप में सफल रहा है.
2030 के एजेंडे को हासिल करने की एक तिहाई यात्रा के साथ सूचकांक रिपोर्ट का यह संस्करण साझेदारी के महत्व पर केंद्रित है और इसका शीर्षक है 'एसडीजी इंडिया इंडेक्स एंड डैशबोर्ड, 2020-21: पार्टनरशिप ऑफ द डिकेड ऑफ एक्शन' है.
प्रत्येक संस्करण के साथ इस महत्वपूर्ण उपकरण को और ज्यादा रिफाइन करके और बेहतर बनाने की पहल को लगातार बहतर करने और प्रगति को मापने की आवश्यकता के साथ आग बढ़ाया जा रहा है. यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर नवीनतम एसडीजी संबंधित डेटा की उपलब्धता के लिए जवाबदेह है.
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2018-19 के पहले संस्करण में 13 लक्ष्यों, 39 टारगेट और 62 संकेतकों को कवर करने से लेकर , दूसरे संस्करण में 17 लक्ष्यों तक 54 टारगेट और 100 संकेतक सूचकांक के बाद इस तीसरे संस्करण में 17 लक्ष्य, 70 टारगेट और 115 संकेतक शामिल किए गए हैं.