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क्या आप ऐसे स्मार्ट कपड़े पहनेंगे, जिससे जेनरेट होने वाली बिजली आपके फोन को चार्ज कर दे - SCIENTISTS DEVELOP FABRIC

वैज्ञानिकों ने ऐसा कपड़ा विकसित किया है, जिसके पहनने के बाद चलने-फिरने या दौड़ने से बिजली जेनरेट होगी. सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के रिसर्चर्स ने ऐसे कपड़े बनाए हैं, जो बिजली पैदा कर सकते हैं.

SCIENTISTS DEVELOP FABRIC
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Published : Jun 8, 2022, 9:54 AM IST

हैदराबाद : अगर आपके शरीर से ही मोबाइल फ़ोन को चार्ज करने के लिए पर्याप्त बिजली मिल जाए तो कैसा रहेगा. कल्पना कीजिए कि आप जो कपड़े पहनकर पूरे दिन काम करते हैं, उससे एक एलईडी बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त बिजली बने. है न यह कमाल का आइडिया. ऐसा हो सकता है कि आपके कपड़े बिजली पैदा करने लगे. इस पर अभी सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) में प्रयोग हो रहे हैं. फिलहाल एक्सपेरिमेंट स्टेज में वैज्ञानिकों ने ऐसा खास कपड़ा विकसित किया है, जो चलने-फिरने के दौरान आपके शरीर में जेनरेट होने वाली ऊर्जा को बिजली में तब्दील कर सकता है. प्रयोगों के बाद यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही यह आइडिया का फायदा लोगों को मिलने लगेगा.

शरीर की गतिविधियों से बिजली उत्पन्न करने वाले स्मार्ट कपड़ों के निर्माण के लिए वर्षों से प्रयोग चल रहे हैं. कुछ रिसर्चर्स ने बुने हुए कपड़े भी विकसित किए हैं, जो रोजमर्रा की गतिविधियों के माध्यम से छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स को शक्ति प्रदान कर सकते हैं. हालांकि, इन कपड़ों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि धोने के बाद उनकी क्षमता कम हो जाती है. इस चुनौती को दूर करने के लिए सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के रिसर्चर्स ने कुशल बिजली पैदा करने वाले कपड़े तैयार किए हैं. वैज्ञानिकों ने स्क्रीन-प्रिंटिंग विधि के जरिये सिल्वर नैनोवायर के साथ-साथ स्टाइरीन-एथिलीन-ब्यूटिलीन-स्टाइरीन (SEBS) का उपयोग कर एक लचीला इलेक्ट्रोड बनाया है. ये कपड़े पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड और हेक्साफ्लोरोप्रोपाइलीन (PVDF-HPFF) से बने हैं, जिसे शीशारहित पेरोव्स्काइट्स के साथ जोड़ा गया था. पीवीडीएफ-एचपीएफ के साथ बिजली उत्पादन क्षमता में काफी सुधार हुआ है.

यह फैब्रिक शरीर की गतिविधियों के कारण होने वाले कंपन से बिजली उत्पन्न करता है. इससे बिजली तब उत्पन्न होती है जब ड्रेस को दबाया जाता है , या जब कपड़े को चमड़े या रबर के दस्ताने जैसी अन्य सामग्रियों से रगड़ा जाता है . वर्तमान में, शोध करने वालों ने प्रति वर्ग मीटर कपड़े से औसतन 2.34 वॉट बिजली जेनरेट करने में कामयाबी हासिल की है. इतनी बिजली एक एलईडी बल्ब और कमर्शियल कैपेसिटर को पावर देने के लिए पर्याप्त है. इस खास कपड़े से शरीर की गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.

इस कपड़े का इस्तेमाल भविष्य में स्मार्ट कपड़े बनाने में किया जा सकता है. कपड़े से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग सेल फोन और स्मार्टवॉच जैसे पहनने उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है. नतीजतन, हम पारंपरिक बिजली स्रोतों पर अधिक निर्भरता से बच सकते हैं. कपड़े से रोजमर्रा की ऐसी ड्रेस बनाई जा सकती है, जो जरूरत पड़ने पर मोबाइल आदि को चार्ज कर दे. चूंकि यह कपड़ा वॉटरप्रूफ है, इसलिए धोने से इसकी बिजली जेनरेट करने की क्षमता प्रभावित नहीं होती है. फाइबर से बने ये फैब्रिक लचीला और टिकाऊ है. इन स्मार्ट कपड़ों को धोया, सुखाया और मोड़ा जा सकता है. वे टूट-फूट के बाद भी 5 महीने तक अपनी ऊर्जा पैदा करने की क्षमता को बरकरार रख सकते हैं.

पढ़ें : ईंधन का बेहतर विकल्प है हाइड्रोजन, मगर सावधानी नहीं बरती तो बढ़ सकती है ग्लोबल वॉर्मिंग

पढ़ें : मास्क्ड ड्रग, जो सिर्फ कैंसर सेल्स का करेंगे खात्मा, सेफ रहेंगे बॉडी के हेल्दी सेल्स

हैदराबाद : अगर आपके शरीर से ही मोबाइल फ़ोन को चार्ज करने के लिए पर्याप्त बिजली मिल जाए तो कैसा रहेगा. कल्पना कीजिए कि आप जो कपड़े पहनकर पूरे दिन काम करते हैं, उससे एक एलईडी बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त बिजली बने. है न यह कमाल का आइडिया. ऐसा हो सकता है कि आपके कपड़े बिजली पैदा करने लगे. इस पर अभी सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) में प्रयोग हो रहे हैं. फिलहाल एक्सपेरिमेंट स्टेज में वैज्ञानिकों ने ऐसा खास कपड़ा विकसित किया है, जो चलने-फिरने के दौरान आपके शरीर में जेनरेट होने वाली ऊर्जा को बिजली में तब्दील कर सकता है. प्रयोगों के बाद यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही यह आइडिया का फायदा लोगों को मिलने लगेगा.

शरीर की गतिविधियों से बिजली उत्पन्न करने वाले स्मार्ट कपड़ों के निर्माण के लिए वर्षों से प्रयोग चल रहे हैं. कुछ रिसर्चर्स ने बुने हुए कपड़े भी विकसित किए हैं, जो रोजमर्रा की गतिविधियों के माध्यम से छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स को शक्ति प्रदान कर सकते हैं. हालांकि, इन कपड़ों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि धोने के बाद उनकी क्षमता कम हो जाती है. इस चुनौती को दूर करने के लिए सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के रिसर्चर्स ने कुशल बिजली पैदा करने वाले कपड़े तैयार किए हैं. वैज्ञानिकों ने स्क्रीन-प्रिंटिंग विधि के जरिये सिल्वर नैनोवायर के साथ-साथ स्टाइरीन-एथिलीन-ब्यूटिलीन-स्टाइरीन (SEBS) का उपयोग कर एक लचीला इलेक्ट्रोड बनाया है. ये कपड़े पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड और हेक्साफ्लोरोप्रोपाइलीन (PVDF-HPFF) से बने हैं, जिसे शीशारहित पेरोव्स्काइट्स के साथ जोड़ा गया था. पीवीडीएफ-एचपीएफ के साथ बिजली उत्पादन क्षमता में काफी सुधार हुआ है.

यह फैब्रिक शरीर की गतिविधियों के कारण होने वाले कंपन से बिजली उत्पन्न करता है. इससे बिजली तब उत्पन्न होती है जब ड्रेस को दबाया जाता है , या जब कपड़े को चमड़े या रबर के दस्ताने जैसी अन्य सामग्रियों से रगड़ा जाता है . वर्तमान में, शोध करने वालों ने प्रति वर्ग मीटर कपड़े से औसतन 2.34 वॉट बिजली जेनरेट करने में कामयाबी हासिल की है. इतनी बिजली एक एलईडी बल्ब और कमर्शियल कैपेसिटर को पावर देने के लिए पर्याप्त है. इस खास कपड़े से शरीर की गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.

इस कपड़े का इस्तेमाल भविष्य में स्मार्ट कपड़े बनाने में किया जा सकता है. कपड़े से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग सेल फोन और स्मार्टवॉच जैसे पहनने उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है. नतीजतन, हम पारंपरिक बिजली स्रोतों पर अधिक निर्भरता से बच सकते हैं. कपड़े से रोजमर्रा की ऐसी ड्रेस बनाई जा सकती है, जो जरूरत पड़ने पर मोबाइल आदि को चार्ज कर दे. चूंकि यह कपड़ा वॉटरप्रूफ है, इसलिए धोने से इसकी बिजली जेनरेट करने की क्षमता प्रभावित नहीं होती है. फाइबर से बने ये फैब्रिक लचीला और टिकाऊ है. इन स्मार्ट कपड़ों को धोया, सुखाया और मोड़ा जा सकता है. वे टूट-फूट के बाद भी 5 महीने तक अपनी ऊर्जा पैदा करने की क्षमता को बरकरार रख सकते हैं.

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