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honour killing : हत्या की आरोपी मां की जमानत का बेटी ने किया विरोध

एक विधवा बेटी ने अपनी मां की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई को राजी हो गया है. मामला झूठी शान की खातिर हत्या (honour killing) का है. पढ़ें पूरी खबर.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Aug 20, 2021, 12:47 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 12:57 PM IST

नई दिल्ली : झूठी शान के लिए दामाद की हत्या करने की आरोपी महिला को मिली जमानत को रद्द करने का अनुरोध उसकी विधवा बेटी ने किया. बेटी ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में अर्जी दी है. शीर्ष अदालत 2017 के इस मामले में जमानत रद्द करने की अर्जी पर विचार करने को तैयार हो गई है.

गौरतलब है कि केरल के अमित नायर (Amit Nair) ने 2015 में जयपुर की रहने वाली ममता से अंतरजातीय विवाह किया था. ममता के माता-पिता और भाई इस विवाह के खिलाफ थे और 2017 में नायर की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अनुरोध किया कि यह मामला जमानत रद्द करने योग्य है. गौरतलब है कि इसी पीठ ने इसी मामले में पहले ममता के भाई की जमानत भी रद्द की थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि ममता (Mamta) की मां भागवानी देवी (Bhagwani Devi) ने अपने दामाद की हत्या में सक्रिय भूमिका निभाई और निचली अदालत ने उसे गलत तरीके से जमानत दी, इतना ही नहीं अदालत ने मामले में सह-आरोपी पिता को भी जमानत दे दी है.

पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी करें.' पीठ ने कहा कि विधवा बेटी की ओर से दूसरी अर्जी दिए जाने पर वह पिता की जमानत रद्द करने पर अलग से विचार करेगी. शीर्ष अदालत ने मित्र और बहनोई नायर की हत्या का षड्यंत्र करने के आरोपी मुकेश चौधरी को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत 12 जुलाई को रद्द कर दी थी.

पीठ ने चौधरी को मिली जमानत को 'कायम रखने योग्य नहीं' बताया और उससे निचली अदालत के समक्ष समर्पण करने को कहा. न्यायालय ने अदालत को इस मुकदमे की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी करने को भी कहा.

ये है पूरा मामला

केरल के अमित नायर (Amit Nair) ने 2015 में जयपुर की रहने वाली ममता से अंतरजातीय विवाह किया था. ममता के माता-पिता और भाई इस विवाह के खिलाफ थे. मई 2017 में लड़की के माता-पिता जीवनराम चौधरी और भगवानी देवी ने कथित तौर पर जयपुर में अपने दामाद अमित नायर की हत्या की साजिश रची थी.

आरोप है कि महिला के माता-पिता एक अज्ञात साथी के साथ उसके आवास में घुसे जिन्होंने अमित को गोली मार दी और दूसरा साथी बाहर कार में इंतजार कर रहा था. अमित की मां रमा देवी ने 17 मई, 2017 को जयपुर में आईपीसी की धारा 452 (घर में अतिक्रमण), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अमित ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और एक निर्माण व्यवसाय शुरू किया था, जबकि ममता एलएलबी स्नातक हैं और उन्होंने एक एनजीओ में इंटर्नशिप की थी.

पढ़ें- भाई की जमानत रद्द करवाने पहुंची सुप्रीम कोर्ट, जीजा की हत्या का आरोप

नई दिल्ली : झूठी शान के लिए दामाद की हत्या करने की आरोपी महिला को मिली जमानत को रद्द करने का अनुरोध उसकी विधवा बेटी ने किया. बेटी ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में अर्जी दी है. शीर्ष अदालत 2017 के इस मामले में जमानत रद्द करने की अर्जी पर विचार करने को तैयार हो गई है.

गौरतलब है कि केरल के अमित नायर (Amit Nair) ने 2015 में जयपुर की रहने वाली ममता से अंतरजातीय विवाह किया था. ममता के माता-पिता और भाई इस विवाह के खिलाफ थे और 2017 में नायर की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अनुरोध किया कि यह मामला जमानत रद्द करने योग्य है. गौरतलब है कि इसी पीठ ने इसी मामले में पहले ममता के भाई की जमानत भी रद्द की थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि ममता (Mamta) की मां भागवानी देवी (Bhagwani Devi) ने अपने दामाद की हत्या में सक्रिय भूमिका निभाई और निचली अदालत ने उसे गलत तरीके से जमानत दी, इतना ही नहीं अदालत ने मामले में सह-आरोपी पिता को भी जमानत दे दी है.

पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी करें.' पीठ ने कहा कि विधवा बेटी की ओर से दूसरी अर्जी दिए जाने पर वह पिता की जमानत रद्द करने पर अलग से विचार करेगी. शीर्ष अदालत ने मित्र और बहनोई नायर की हत्या का षड्यंत्र करने के आरोपी मुकेश चौधरी को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत 12 जुलाई को रद्द कर दी थी.

पीठ ने चौधरी को मिली जमानत को 'कायम रखने योग्य नहीं' बताया और उससे निचली अदालत के समक्ष समर्पण करने को कहा. न्यायालय ने अदालत को इस मुकदमे की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी करने को भी कहा.

ये है पूरा मामला

केरल के अमित नायर (Amit Nair) ने 2015 में जयपुर की रहने वाली ममता से अंतरजातीय विवाह किया था. ममता के माता-पिता और भाई इस विवाह के खिलाफ थे. मई 2017 में लड़की के माता-पिता जीवनराम चौधरी और भगवानी देवी ने कथित तौर पर जयपुर में अपने दामाद अमित नायर की हत्या की साजिश रची थी.

आरोप है कि महिला के माता-पिता एक अज्ञात साथी के साथ उसके आवास में घुसे जिन्होंने अमित को गोली मार दी और दूसरा साथी बाहर कार में इंतजार कर रहा था. अमित की मां रमा देवी ने 17 मई, 2017 को जयपुर में आईपीसी की धारा 452 (घर में अतिक्रमण), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अमित ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और एक निर्माण व्यवसाय शुरू किया था, जबकि ममता एलएलबी स्नातक हैं और उन्होंने एक एनजीओ में इंटर्नशिप की थी.

पढ़ें- भाई की जमानत रद्द करवाने पहुंची सुप्रीम कोर्ट, जीजा की हत्या का आरोप

Last Updated : Aug 20, 2021, 12:57 PM IST
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